
अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले- अमेरिका और भारत के साझे रणनीतिक निहतार्थ
वॉशिंगटन डीसी में भारत के साथ दूसरी टू-प्लस-टू मंत्री स्तरीय वार्ता को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने आगामी समय में चीन और रूस को शीर्ष दो चुनौतियां बताते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के साझे रणनीतिक हित हैं। एस्पर ने ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर)’ में अपने संबोधन के दौरान कहा कि अमेरिका अगले हफ्ते वॉशिंगटन डीसी में भारत के साथ दूसरी टू-प्लस-टू मंत्री स्तरीय वार्ता की मेजबानी करेगा, जहां हम मजबूत होती हमारी साझेदारी को और आगे बढ़ाएंगे क्योंकि दोनों देशों के साझे रणनीतिक हित हैं। एस्पर 18 दिसंबर को पेंटागन में अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। उसके बाद, वह और सिंह विदेश विभाग के फोगी बॉटम मुख्यालय जाएंगे, जहां वे विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ भारत और अमेरिका की दूसरी टू प्लस टू मंत्रीस्तरीय वार्ता में शामिल होंगे। एस्पर ने कहा कि जैसा कि आप देख सकते हैं, भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त बनाए रखने का हमारा संकल्प बहुत दृढ़ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे स्थापित करने के लिए अमेरिका और इसके सहयोगी देशों ने कड़ी मेहनत की है। चीन के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘हमने एक बड़ी शक्ति प्रतियोगिता के एक नए युग में प्रवेश कर लिया है। पेंटागन के शीर्ष नेता ने कहा कि पहले चीन और फिर रूस से निपटना अब रक्षा विभाग की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं। दोनों राष्ट्र अपने सशस्त्र बलों का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहे हैं और अंतरिक्ष एवं साइबर जगत में अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रहे हैं।