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कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी जल्द कर सकते हैं वापसी

कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी जल्द कर सकते हैं वापसी

कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी जल्द कर सकते हैं वापसी
 राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर जल्द वापसी कर सकते हैं। पार्टी की 'भारत बचाओ रैली में देशभर से आए हर कार्यकर्ता की जुबान पर यह बात आम थी। रैली में लगे कटआउट, पोस्टर, बैनर और कार्यकर्ताओं के नारे भी उनके जल्द अध्यक्ष पद संभालने का इशारा कर रहे थे। यही नहीं, वक्ताओं की सूची से भी उनकी ताजपोशी की अटकलों को बल मिल रहा था। रामलीला मैदान में हुई रैली में मंच से बहुत कम लोगों ने भाषण दिया। इनमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा जिन नेताओं के नाम शामिल हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और राजीव सातव प्रमुख हैं, जो टीम राहुल का हिस्सा माने जाते हैं। यही नहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी रैली में अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे नेता राहुल गांधी कहते हुए की। रैली से अलग भी राहुल को फिर से कमान सौंपने की मुहिम जोर पकड़ रही है। कुछ नेता और कार्यकर्ता 'माई लीडर आरजी हैशटैग के तहत जमकर ट्वीट कर रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी इस हैशटैग को टैग किया जा रहा है।
गठबंधन में बढ़ सकता है तनाव
महाराष्ट्र में सत्ता के लिए शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के बीच बने बेमेल गठबंधन के शुरुआती दौर में ही वैचारिक विवाद खुल कर सामने आने लगे हैं। वीर सावरकर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का दिया गया बयान शिवसेना और कांग्रेस के बीच विवाद का कारण बन सकता है। एक सप्ताह के भीतर यह दूसरा मौका है, जब दोनों दल वैचारिक मतभेद के कारण आमने-सामने आ गए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा मंत्रियों को विभाग बंटवारे के 48 घंटे के भीतर ही सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। संसद में नागरिकता संशोधन बिल के मुद्दे पर दोनों दलों के मतभेद खुल कर सामने आ गए थे। तब कांग्रेस को खुश करने के लिए शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्थिति को संभाल लिया था। वैचारिक स्तर पर बंटे हुए दोनों दलों के सामने सावरकर विवाद से छुटकारा पाने की बड़ी चुनौती है क्योंकि, जिस तेजी और तल्खी से राहुल गांधी पर शिवसेना नेता संजय राउत ने हमला किया है, उसे कांग्रेस आसानी से पचा नहीं पाएगी। इस पर कांग्रेस की तरफ से क्या रिएक्शन आता है यह देखने वाली बात होगी। बता दें कि कांग्रेस जहां सावरकर के विचारों का विरोध करती है, वहीं शिवसेना सावरकर को महापुरुष मानती आई है। इस मुद्दे पर पहले दोनों दलों के बीच काफी विवाद हो चुका है।

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