
जीएसटी काउंसिल की बैठक में पहली बार हुए वोटिंग से फैसला
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 38वीं बैठक में पहली बार किसी मुद्दे पर वोटिंग के सहारे लॉटरी पर सिंगल जीएसटी रेट लगाने का फैसला किया गया।1 मार्च 2020 से सभी तरह की यानी राज्यों और प्राइवेट लॉटरी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसके अलावा,साल 2017 से अब तक जीएसटीआर-1 फाइल न करने वालों को राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने उन पर लेट फीस में छूट देने को मंजूरी दी। वार्षिक जीएसटी रिटर्न,वर्ष 2017-18 के लिए जीएसटीआर-9 और जीएसटी-9 सी फाइल करने की तारीख भी बढ़ा दी गई। अब जीएसटीआर-9 और 9 सी को 31 जनवरी 2020तक फाइल किया जा सकता है। पहले यह तारीख 31 दिसंबर 2019 थी।
इसके अलावा, इंडस्ट्रियल जमीन पर इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना के लिए लॉन्ग टर्म लीज पर जीएसटी को खत्म कर दिया। मोदी सरकार के लिए चिंता का कारण बन चुके जीएसटी कलेक्शन के लिए एक कमिटी का गठन किया गया।जीएसटी काउंसिल ने बैठक के दौरान कई तरह के संशोधन किए, जिन्हें 2020 के बजट में पेश किया जाएगा। मौजूदा समय में राज्यों की लॉटरियों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है,जबकि राज्य सरकारों द्वारा अधिकृत और राज्यों से बाहर बेचने वाली लॉटरियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में पहली बार किसी मुद्दे पर फैसला लेने के लिए वोटिंग का सहारा लिया गया। लॉटरी पर लगने वाले जीएसटी को लेकर राज्यों के बीच सहमति नहीं हो पा रहा थी। इससे पहले काउंसिल की 37 बैठकों में एकमत से निर्णय लिए जाते रहे। सूत्रों के अनुसार, वोटिंग में लॉटरी पर 21 राज्यों ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का समर्थन किया, जबकि सात राज्यों ने इसका विरोध किया।