
वित्तमंत्री सीतारमन ने कई ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व की चर्चा
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्यमंत्री निर्मला सीतारमन ने आगामी आम बजट 2020-21 के सम्बन्ध में विभिन्न ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आज नई दिल्ली में बजट पूर्व पांचवा विचार-विमर्श किया। इस बैठक के दौरान ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने श्रम और रोजगार से जुड़े मुद्दों के सम्बन्ध में अपने विचार और सुझाव साझा किए। बैठक में वर्तमान श्रम बल के कौशल विकास, नया हुनर सिखाने और अतिरिक्त हुनर देने के बारे में भी चर्चा की गई। इसके अलावा नौकरियों के सृजन की गुणवत्ता और कामगारों की न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के बारे में भी बातचीत की गई। केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर; वित्त सचिव राजीव कुमार; डीईए सचिव अतनु चक्रवर्ती; राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे; सीबीडीटी के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी; प्रमुख आर्थिक सलाहकार डॉ. के.वी. सुब्रह्मण्यम; श्रम और रोजगार मंत्रालय सचिव हीरालाल सामरिया; वी.वी. गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट के महानिदेशक एच.श्रीनिवास और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने नौकरियां सृजित करने, श्रम से जुड़ी चिंताओं और रोजगार की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इस बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने कौशल विकास, नया हुनर सिखाने और अतिरिक्त हुनर देने के अलावा सामाजिक सुरक्षा के प्रावधानों के बारे में अपनी चिंताएं बताई। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के बेहतर परिणामों की आवश्यकता के अलावा नौकरियां सृजित करने की गुणवत्ता और कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। विभिन्न ट्रेड यूनियन और श्रम संगठनों के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने श्रम से जुड़े क्षेत्रों में कौशल विकास, कलस्टर के विकास के साथ कौशल विकास पहल को जोड़ने, कौशल बढ़ाने के लिए समर्पित कोष का गठन, मनरेगा योजना के लिए अधिक धनराशि का आबंटन, मनरेगा के अंतर्गत काम करने के दिवसों की संख्या बढ़ाने, स्थायी लाभ के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजना के लिए कानून, कौशल विकास के अनुसार नौकरियां निर्धारित करने, एमएसएमई के जरिये फिर से नौकरयां सृजित करने के लिए अलग कोष, सामाजिक क्षेत्र के लिए खर्च में वृद्धि, भूमिहीन कृषि कामगारों सहित असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए लाभ, त्रिपक्षीय और द्विपक्षीय तंत्र को मजबूत बनाना, सुरक्षा, औद्योगिक संबंधों और सामाजिक सुरक्षा के बारे में कोड को अंतिम रूप देने के लिए ट्रेड यूनियनों के साथ सलाह-मशविरा किया गया।