
उन्यासी हजार कर्मचारियों के वीआरएस के बाद बीएसएनएल के हर माह बचेंगे 600 करोड़ रुपए
आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को लगभग 79,000 कर्मचारियों के वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) को चुनने के बाद वेतन पर मासिक 600 करोड़ रुपये तक की बचत होने की उम्मीद है। बीएसएनएल अब प्रॉफिट में आने के लिए कंपनी के 73,000 करोड़ रुपये के रियल एस्टेट ऐसेट्स बेचने पर विचार कर रही है।
बीएसएनएल के चेयरमैन प्रवीण कुमार पुरवार ने बताया, 'हम एम्प्लॉयी कॉस्ट पर लगभग 50 प्रतिशत या 600 करोड़ रुपये मासिक की बचत करेंगे। इस वित्त वर्ष में फरवरी और मार्च के महीनों में हमारे पास करीब 1,300 करोड़ रुपये की बचत आएगी।' कंपनी की रेवेन्यू टु वेज रेश्यो पहले 75 प्रतिशत थी। इसने कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अक्टूबर में वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम शुरू की थी। इसका उद्देश्य वेतन पर कंपनी के भारी खर्च को कम करना था। बीएसएनएल के 78,569 कर्मचारियों ने वीआरएस को चुना है। पुरवार ने बताया कि इसके बाद कंपनी के पास लगभग 70,000 कर्मचारी हैं जो कामकाज चलाने के लिहाज से एक उचित संख्या होगी। हालांकि, बीएसएनएल रिटायरमेंट लेने वाले कर्मचारियों के वेतन का खर्च अगले वर्ष जनवरी तक उठाएगी। घाटे में चल रही बीएसएनएल ने कॉस्ट घटाने जैसे कदमों के साथ प्रॉफिट में लौटने की योजना बनाई है। कंपनी का एक वर्ष में ऑपरेशनल खर्च लगभग 10,800 करोड़ रुपये का है। कैबिनेट ने हाल ही में दो सरकारी टेलिकॉम कंपनियों बीएसएनएल और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को मुश्किलों से उबारने के लिए पैकेज को स्वीकृति दी थी। इसमें वीआरएस पर खर्च के लिए वित्तीय मदद देना, ऐसेट बेचने की योजना और 4जी स्पेक्ट्रम का ऐलोकेशन शामिल है।