
आनंद महिंद्रा शीर्ष पद छोड़कर और वह नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन जाएंगे
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा अगले साल अप्रैल से कंपनी का शीर्ष पद छोड़कर और वह नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन जाएंगे। कंपनी द्वारा किए गए घोषण के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 से आनंद महिंद्रा कंपनी के चेयरमैन नहीं रहने वाले है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में बताया है कि इसके बाद कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका 11 नवंबर 2020 तक के अपने कार्यकाल तक इस पद का अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाले है। कंपनी ने कहा है,गवर्नेंस, नॉमिनेशन और रीम्यूनरेशन कमिटी ने उत्तराधिकार की जो योजना बनाई है। उसके मुताबिक 1 अप्रैल,2020 से आनंद महिंद्रा गैर कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका में आए जाएंगे और उनका नया डेजिगनेशन इसी तिथि से प्रभावी होगा। साथ ही कंपनी ने अनीश शाह को अप्रैल 2021 तक के लिए चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बनाया है। 2 अप्रैल, 2021 के बाद वह गोयनका की जगह कंपनी के एमडी और सीईओ बन जाएंगे, इस पद पर उनका कार्यकाल चार साल के लिए होगा। उनका कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक होगा।
64 साल के आनंद महिंद्रा ग्रुप के संस्थापक जगदीश चंद्र महिंद्रा के पोते हैं। पिछले साल तक उनका नेटवर्थ करीब 1.7 अरब डॉलर तक था। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है। उनका जन्म 1 मई 1955 को हरीश महिंद्रा और इंदिरा महिंद्रा की संतान के रूप में तत्कालीन बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। उनकी दो बहने हैं अनुजा शर्मा और राधिका नाथ।