
रुस-चीन से मिल रही चुनौती की काट के लिए अमेरिका ने बनाई अंतरिक्ष सेना स्पेस वार की तैयारी शुरु
अमरीका ने, रक्षा मंत्रालय के तहत पूर्ण विकसित अमरीकी अंतरिक्ष बल का गठन कर, चीन और रूस से लगातार मिल रही सामरिक चुनौतियों का काट खोज लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर आगे बढ़ते हुए, व्हाइट हाउस ने संकेत दिया है कि वह स्टार वार यानि उपग्रह-रोधी हथियार और उपग्रहों को मार गिराने वाले हथियारों के मामले में भी अपना वर्चस्व कायम रखेगा। ट्रम्प की इस इच्छा का पहले विरोध किया गया था। ट्रम्प ने अंतरिक्ष बल के गठन को वास्तविकता में बदलने के लिए 2020 राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून पर हस्ताक्षर किया, जो पेंटागन बल के लिए शुरुआती बजट तय करेगा जो सेना की पांच अन्य शाखाओं के लिए बराबर होगी। उन्होंने हस्ताक्षर के लिए एकत्र हुई सेना के सदस्यों से कहा कि अंतरिक्ष में बहुत कुछ होने जा रहा है, क्योंकि अंतरिक्ष विश्व का नया युद्ध क्षेत्र है।
अंतरिक्ष बल अमरीकी सेना का छठा आधिकारिक बल होगा। अन्य बलों में थलसेना, वायुसेना, नौसेना, मरीन और तटरक्षक बल शामिल हैं। रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि आंतरिक्ष की क्षमताओं पर हमारी निर्भरता बहुत तेजी से बढ़ी है। बाहरी अंतरिक्ष आज अपने आप में एक युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया है। उस क्षेत्र में अमरीकी वर्चस्व को बरकरार रखना अब अमरीकी अंतरिक्ष बल का मिशन है। उन्होंने कहा अंतरिक्ष अब दुनिया का सबसे नया युद्धक्षेत्र बन गया है। दरअसल, रूस ने बीते दिनों अंतरिक्ष से संचालित होने वाले अपने मिसाइल वार्निग सिस्टम का खुलासा किया था। इस सिस्टम का नाम कुपोल है जिसका मतलब गुंबद होता है। यह अंतरिक्ष से ही बैलेस्टिक मिसाइल पर छोड़े जाने वाले स्थान से नजर रखेगा। इस सिस्टम के तहत चेतावनी देने वाले तीन सेटेलाइट रूस ने पहले ही छोड़ रखे हैं। टुंड्रा नाम के ये सेटेलाइट 2015 से अंतरिक्ष में कार्यरत हैं।