
जापान में पुतलों को लगाकर की जा रही बच्चों की कमी पूरी
जापान में बच्चों की कमी पूरा करने के लिये उनके पुतले लगाए जा रहे हैं। दरअसल, जापान के एक गांव में पिछले 18 साल में एक भी बच्चा पैदा नहीं हुआ है। इस गांव का नाम नोगोरो है जोकि घोस्ट विलेज यानी भूतों का गांव के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि यह तरकीब खुश रहने और दूसरों को रखने के लिये निकाली गई है। जिसकी शुरुआत सुकुमी आयानो ने की है। इन पुतलों के जरिए 70 वर्षीय आयानो बंद हो चुके स्कूलों की रौनक लौटाने की कोशिश कर रही हैं। इन्होंने 40 से अधिक पुतले बनाकर स्कूल में बच्चों की जगह रखें हैं। क्योंकि यहां किसी बच्चे का जन्म हुए एक लंबा समय बीत चुका है। हालांकि इस डॉल फेस्टिवल को आयानो पिछले 7 सालों से बढ़ावा दे रही हैं। उनका मकसद है कि यहां ज्यादा से ज्यादा बच्चे दिखें, इसलिए जगह-जगह बच्चों के पुतले बनाकर लगा रही हैं। बताया जा रहा है कि जापानी की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है क्योंकि यहां बुजुर्ग लोगों की संख्या ज्यादा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की संख्या काफी हद तक कम है। वहीं लगातार जन्मदर गिरने के कारण रोजगार के अवसर भी खत्म हो रहे हैं। साथ ही लाइफस्टाइल का स्तर भी गिर रहा है। बता दें कि नोगोरो की 40 फीसदी से अधिक आबादी की उम्र 65 साल से भी ज्यादा है। ज्यादातर लोग काम की तलाश में शहरों का रुख कर रहे हैं। अब यहां युवाओं के लिए कोई भी मौके नहीं हैं। यहां न तो मेडिकल क्लीनिक हैं और न ही पार्लर। खरीदारी के लिए एक दुकान तक नहीं है। बताया गया कि आयानो ने दोस्तों के साथ मिलकर 350 डॉल बनाई गई हैं। जिनकी संख्या यहां के निवासियों से भी ज्यादा है। बता दें कि इन पुतलों को लकड़ी, वायर फ्रेम, पुराने कपड़े और अखबार से तैयार किया गया है। कुछ लोगों का कहना है आबादी बढ़ाने के लिए पुतलों का इस्तेमाल करना गलत है। लेकिन यहां आने वाले टूरिस्ट इसे गांव की खूबसूरती से जोड़कर देखते हैं।