
विशेष कोर्ट को असंवैधानिक बता हाईकोर्ट ने रद्द की मुशर्रफ की मौत की सजा
लाहौर हाईकोर्ट ने उस विशेष अदालत को ‘असंवैधानिक’ करार दिया है, जिसने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ को संगीन देशद्रोह का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। लाहौर हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी फांसी की सजा अमान्य कर दी। इसमें मुशर्रफ ने उन्हें दी गई मौत की सजा को चुनौती देते हुए विशेष अदालत के गठन पर सवाल खड़ा किया। अदालत ने कहा पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कानून के मुताबिक नहीं चलाया गया।
मुशर्रफ को इस मामले में विशेष अदालत ने 17 दिसंबर 2019 को मौत की सजा सुनाई थी। यह मामला 2013 में तत्कालीन पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) सरकार द्वारा दायर कराया गया था। मुशर्रफ ने अपनी याचिका में लाहौर हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि वह ‘संविधान के प्रावधानों के खिलाफ होने के कारण विशेष अदालत के फैसले को क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दिया गया फैसला घोषित करे। न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी, न्यायमूर्ति मोहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति मसूद जहांगीर ने मुशर्रफ की याचिका की सुनवाई की।