
अमेरिकी सीनेट में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पर चर्चा शुरू, इस प्रक्रिया को ट्रंप ने बताया 'धोखा'
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ ऐतिहासिक महाभियोग की सुनवाई अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में आरोप-प्रत्यारोप के बीच शुरू हो गई है। सत्ता के दुरुपयोग और संसद के काम में अवरोध पैदा करने के आरोप में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाया गया है। महाभियोग साबित होने पर डॉनल्ट ट्रंप को अपनी कुर्सी से हटना होगा, हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है।
सीनेट में चर्चा के दौरान डेमोक्रेट सांसदों ने सीनेट के नेता मिच मैककोनेल पर आरोप लगाया कि वह इस प्रक्रिया के लिए प्रस्तावित नियम लाकर मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, रिपब्लिकन मैककोनेल ने कुछ बुनियादी नियम प्रस्तावित किए हैं, जिसके तहत पहले चरण में गवाहों और सबूतों पर कुछ कड़े प्रतिबंध लागू होंगे और यह मामला तेजी से आगे बढ़ेगा। वह इस नियम को बदलने की डेमोक्रेट सांसदों की कोशिश को तुरंत रोक देंगे।
इससे पहले विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में हिस्सा लेने स्विट्जरलैंड के दावोस पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एकबार फिर अपने खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को 'धोखा' करार दिया। जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि ऐसे समय में जब उनपर महाभियोग लाया जा रहा वह अमेरिका की जगह दावोस में क्यों हैं? इस पर ट्रंप ने कहा हमारी विश्व नेताओं से बातचीत चल रही है, जो दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण लोग हैं। मेरा इस समय यहां होना अमेरिका के आर्थिक स्वास्थ्य के लिहाज से जरूरी है।
उन्होंने महाभियोग पर तंज कसते हुए कहा कि यह सिर्फ एक छलावा है। यह प्रताड़ित करने की कोशिश है, जो सालों से जारी है। ईमानदारी से कहूं यह बेहद शर्मनाक है। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप देश के इतिहास के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ महाभियोग को मंजूरी दी गई है। उल्लेखनीय है कि 438 सदस्यीय निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है। सदन ने 18 दिसंबर को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मंजूरी दी थी।
हालांकि, सीनेट में रिपब्लिक सांसदों का नियंत्रण है, ऐसे में इस बात की संभावना बेहद कम है कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाया जा सकेगा। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्रंप की सत्ता भी फिलहाल सुरक्षित है, क्योंकि महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी होने के बाद भी रिपब्लिकन बहुमत वाली सीनेट से उसका पास होना मुश्किल है।