
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधार पर पिछले साल का अपना आदेश स्पष्ट किया और कहा कि जिन अधिकारियों का न्यूनतम 6 माह का कार्यकाल शेष हो, डीजीपी पद के लिए उनके नाम पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा डीजीपी पद के लिए की जाने वाली अनुशंसा पूरी तरह मेरिट आधारित होनी चाहिए। इससे पहले पंजाब में डीजीपी नियुक्ति पर विवाद हुआ था। डीजीपी मुस्तफा और चट्टोपाध्याय ने कैट में याचिका दायर की थी। जिसमें दोनों ने यह दावा किया था कि हम ज्यादा वरिष्ठ हैं। इस पर सुनवाई करते हुए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने यूपीएससी, पंजाब सरकार, पंजाब के पूर्व डीजीपी सुरेश अरोड़ा, नवनियुक्त डीजीपी दिनकर गुप्ता और अन्य को नोटिस जारी किया है। इन सभी को 27 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी। डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा पंजाब में नशे के खिलाफ गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के प्रमुख रह चुके हैं और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय जो कि पीएसपीसीएल के डीजीपी हैं।