
आतंकी समूहों पर कार्रवाई से एफएटीएफ संतुष्ट
ग्रे लिस्ट से बाहर होगा पाक
फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को बड़ी राहत देते हुए आतंकी समूहों पर कार्रवाई के लिए उसकी ओर से किए गए प्रयासों पर संतोष जताया है। ऐसे में संभावना है कि पाकिस्तान अगले महीने ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। सूत्रों का कहना है कि ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को बाहर निकालने में चीन और कुछ पश्चिमी मुल्कों की मदद निर्णायक साबित होगी। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यू जीलैंड और जापान जैसे देशों ने पाकिस्तान की कार्ययोजना पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान को 27 बिंदुओं की एक कार्ययोजना दी थी। इन बिंदुओं पर पाकिस्तान ने कितना अमल किया, इसे देखने के लिए एफएटीएफ की 21-23 जनवरी को बीजिंग में बैठक हुई। पिछले साल अक्टूबर में एफएटीएफ ने अपनी दूसरी सिफारिशों पर अमल करने के लिए पाकिस्तान को फरवरी, 2020 तक का समय दिया था। अमेरिका फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान से शांति वार्ता में जुटा है, जहां उसे पाकिस्तान के सहयोग की जरूरत है। वहीं उसने पाकिस्तान के एक और पड़ोसी देश ईरान के खिलाफ भी कदम उठाए हैं। ऐसा लगता है कि इन मामलों का अमेरिका के फैसले पर असर पड़ा है और डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव से पहले पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने सदस्य देशों को यकीन दिलाया कि वह आतंकी समूहों की फंडिंग रोकने के लिए दी गई कार्ययोजना पर तेजी से अमल करेगा।
2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था
बता दें कि एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और 27 पॉइंट का ऐक्शन प्लान देते हुए एक साल का समय दिया गया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की टेरर फाइनैंशिंग को बैंकिंग व नॉन-बैंकिंग, कॉर्पोरेट व नॉन-कॉर्पोरेट सेक्टरों से रोकने के उपाय करने थे।