YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

आरोग्य

सर्दियों में बच्चों का रखें विशेष ध्यान 

सर्दियों में बच्चों का रखें विशेष ध्यान 

सर्दियों में बच्चों का रखें विशेष ध्यान 
सर्दियों में बच्चों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए अपने बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम करें। आमतौर पर लोग बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए खूब सारे कपड़े पहना देते हैं, जिससे नवजात बच्चा पूरे समय असहज महसूस करता है। ऐसे में डॉक्टर कहते हैं कि बच्चे को इतना भी न ढक दें कि उसकी त्वचा सांस ही न ले पाए। 
वहीं कुछ लोग सर्दी से बचाने के लिए दिनभर घर में ब्लोअर या हीटर चलाकर रखते हैं। इस तरह के उपाय भी नवजात बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।
बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को सर्दी से बचाना जरूरी है, पर बचाव का ये तरीका उन्हें दूसरी परेशानियों में डाल सकता है। ऐसे में गर्माहट बरकरार रखने इस प्रकार के उपाय करें। नवजात बच्चों को नहलाते समय इस बात का ध्यान रहे कि गर्दन के ऊपर पानी न जाने पाए। बच्चे को गर्दन के नीचे से ही नहलाएं।  
चेहरे, सिर और गर्दर को गीले कपड़े से पोछ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नाक, कान और मुंह से पानी अंदर जा सकता है। 
सर्दी से बचने के लिए ब्लोवर या हीटर का इस्तेमाल न करें।  इससे निकलने वाली ड्राई एयर बच्चे को नुकसान पहुंचाती है। इसकी जगह आप ऑयर हीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बच्चों को बहुत ज्यादा कपड़े नहनाने की बजाय, उसका तलवा, उसकी हथेली और उसके कान व सिर ढक कर रखें। यहीं से सबसे ज्यादा सर्दी लगने का डर होता है। इसलिए बच्चों के टोपी, दस्ताने और मोजे जरूर पहनाएं। सर्दियों में धूप बहुत जरूरी है इसलिए रोजाना सुबह बच्चे को सन बाथ जरूर कराएं। इससे उनकी हड्डियों के विकास में मदद मिलेगी।
इसके अलावा एक से डेढ महीने तक बच्चे को घर में बाहर से आने वाले लोगों के संपर्क में न जाने दें। खासतौर से अगर वह व्यक्त‍ि संक्रमित हो तो उसकी गोद में बच्चे को हरगिज न दें। इसका कारण यह है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है। वह अभी बनने के दौर में होता है, इसलिए उन्हें संक्रमण से दूर रखने की जरूरत होती है।
एक से डेढ महीने तक बच्चे को कहीं बाहर न ले जाएं। कहीं बाहर से मतलब है, उसे कहीं आउट स्टेशन या पब्ल‍िक प्लेस या भीड़-भाड़ वाली जगह पर न ले जाएं। इससे भी बच्चे को संक्रमण का खतरा होता है। बच्चे के विकास के लिए मां का दूध सबसे जरूरी होता है। छह महीने तक मां का दूध पीने वाले बच्चे की प्रतिरोधक प्रणाली ऐसे बच्चों से ज्यादा मजबूत होती है, जो बाहर का दूध पीते हैं।

Related Posts