
बच्चे खुद को काफी जल्दी कर लेते हैं रिकवर
-इसीलिए होती है इतनी ज्यादा एनर्जी
शोधकर्ताओं की माने तो बच्चे के अंदर एक मजबूत और अडल्ट ऐथलीट के समान एनर्जी होती है। इतना ही नहीं, एक थके हुए बच्चे में भी ट्राएथलॉन में दौड़ने वाले ऐथलीट के बराबर एनर्जी होती है। ऐसा इस वजह से होता है क्योंकि बच्चे खुद को काफी जल्दी रिकवर कर लेते हैं। उनकी रिकवरी उन ऐथलीटों से कहीं ज्यादा होती है जिन्होंने महीनों तक ट्रेनिंग की होती है। इस बात का खुलासा हाल ही में हुए रिसर्च में हुआ है। फ्रांस में क्लर्मोंट औवेर्गन यूनिवर्सिटी ने यह रिसर्च 8 से 12 साल के बच्चों और ऐथलीटों के बीच साइक्लिंग रेस करवाकर की। अपनी रिसर्च में उन्होंने पाया कि बच्चे, बड़ों की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छे ढंग से ऑक्सिजन को इन्हेल करते हैं। इस कारण उनके शरीर में थकान बड़ों की तुलना में उतनी तेजी से नहीं आती, जितनी सामान्य लोगों में आती है। रिसर्चर सिबेस्टियन रेटल ने बताया कि बहुत सारे फिजिकल टास्क में बच्चे ऐथलीटों के मुकाबले जल्दी थक गए। हालांकि ऐसा बच्चों के पास लिमिटेड बॉडी कपैसिटी के कारण हुआ। वहीं बच्चों की थकान ऐथलीटों की तुलना में कहीं तेजी से कम भी हुई। इसका मुख्य कारण यह है कि बच्चे शारीरिक रूप से सीमित क्षमता और बनावट वाले होते हैं। इसी वजह से उनकी मसल्स ऑक्सिजन से भरपूर ब्लड को दिल तक आसानी से पहुंचाते हैं। साथ ही हार्ट को भी ब्लड पंप करने में कम मेहनत करनी पड़ती है। रिसर्च में यह बात भी सामने आई थी कि बच्चे कूदने और साइकलिंग करने में ऐथलीटों से कहीं आगे हैं। शायद अब आप समझ गए होंगे कि आखिर बच्चे थकते क्यों नहीं हैं? इतना स्टैमिना बच्चों के भीतर कैसे होता है कि पूरे दिन खेलते-खेलते भी सोने से पहले तक उनके अंदर उतनी ही एनर्जी बनी रहती है?