
वैज्ञानिक एक ऐसी दवा के शोध में व्यस्त है जो कैंसर और आटिज्म के लक्षणों को आगे बढने से रोकने में सक्षम है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और ऑटिज्म मानसिक और शारीरिक विकार से जुड़ी बीमारी है। देखा जाए तो इन दोनों में कोई संबंध नहीं है, मगर एक नए शोध में विचित्र संयोग देखने को मिला है। यह अध्ययन कार्डिफ यूनिवर्सिटी में किया गया। विशेषज्ञ कैंसर के लिए एक ऐसी दवा विकसित करने के करीब हैं, जो ऑटिज्म के लक्षणों को भी आगे बढ़ने से रोकेगी। अभी इस दवा का नाम तय नहीं किया गया है। यह दवा ईआरके2 प्रोटीन को दिमाग तक पहुंचने से रोकेगी जो ऑटिज्म के लक्षणों के लिए जिम्मेदार होता है। इस दवा का परीक्षण अभी गर्भवती चूहों पर किया गया है। परीक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने देखा कि गर्भवती चूहों में दवा के इस्तेमाल से उसके बच्चों को ऑटिज्म का शिकार होने से बचाने में मदद मिली। प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर रिकार्डो ब्रामबिला का कहना है कि इस दवा के जरिये जन्म के साथ ही ऑटिज्म का पता चलने पर उनका इलाज शुरू किया जा सकता है। इससे उनमें इस विकार के असर को उलटा भी किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस दवा के इस्तेमाल से ऑटिज्म के साथ जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं में इसके असर को कम करने में मदद मिलेगी।