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खर्राटा लेने वालों को जल्दी आता है बुढ़ापा  -डीएनए हो जाता है क्षतिग्रस्त 

खर्राटा लेने वालों को जल्दी आता है बुढ़ापा  -डीएनए हो जाता है क्षतिग्रस्त 

खर्राटा लेने वालों को जल्दी आता है बुढ़ापा 
-डीएनए हो जाता है क्षतिग्रस्त 

शोधकर्ता वैज्ञानिकों की माने तो खर्राटा लेने वालों को बुढ़ापा जल्दी आता है। तेज खर्राटा लेने वालों का डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है। इससे उनकी कोशिकाओं की उम्र तेजी से बढ़ने लगती है। इन्हें कैंसर होने की आशंका भी बढ़ जाती है।सिचुआन स्थित वेस्ट चाइना हॉस्पिटल में शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि  नींद में सांस रुकने और क्रोमोसोम्स पर छोटे तत्व मौजूद होने के बीच संबंध पाया। खर्राटा लेने वालों के क्रोमोसोम्स के अंत में लगे डीएनए अणुओं में छोटे टेलोमीरेस पाए गए। टेलोमीरे की लंबाई का संबंध उम्र बढ़ने के अलावा कैंसर के प्रति संवेदनशीलता से भी है। स्लीप एप्निया में सोते समय सांस लेने का क्रम बाधित होता है, जिससे नींद में बार-बार आंख खुल जाती है। एक अनुमान के मुताबिक अधेड़ उम्र के अधिक वजन वाले लोगों में यह आमतौर पर देखने को मिलती है।खर्राटे लेना एक आम समस्या है, जिससे दुनियाभर में बड़ी आबादी प्रभावित है। इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए वेस्ट चाइना हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने स्लीप एप्निया के शिकार 2640 लोगों के आंकड़ों पर अध्ययन किया। 

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