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निर्भया केस: कानून का मजाक बना रहे दोषी 

निर्भया केस: कानून का मजाक बना रहे दोषी 

निर्भया केस: कानून का मजाक बना रहे दोषी 
पटियाला हाई कोर्ट से निर्भया के दोषियों के डेथ वॉरंट पर अमल पर रोक से केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस बिफर गई है। दोनों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका देकर कहा है कि निर्भया के चारों दोषियों ने कानून का मजाक बनाकर रख दिया है। याचिका में हाई कोर्ट से मांग की गई है कि वह पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए चारों को जल्द-से-जल्द फांसी पर लटकाने का आदेश दे। हाई कोर्ट आज शाम तीन बजे इस याचिका पर विशेष सुनवाई करेगा। गृह मंत्रालय ने अपनी याचिका में दलील दी है कि एक ही केस में एक से अधिक दोषी हों तो उनमें से किसी एक के पास भी कानूनी उपचार का विकल्प बचा होना उनकी फांसी रोके जाने का आधार नहीं बन सकता है जिनके कानूनी उपचार के सारे विकल्प खत्म हो गए हों। केंद्र सरकार ने कहा कि जरूरत पड़े तो दोषियों को एक-एक कर फांसी दी जा सकती है। निर्भया के चार में से दो दोषियों, मुकेश सिंह और विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज हो चुकी है। जस्टिस सुरेश कैथ ने करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद चारों दोषियों, मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को नोटिस जारी किया। मामले की गंभीरता को समझते हुए कोर्ट ने रविवार को भी सुनवाई करने का फैसला किया। हालांकि, रविवार को कोर्ट की छुट्टी होती है। केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट से ट्रायल कोर्ट का आदेश खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि चारों दोषी बारी-बारी से फांसी की सजा टालने में जुटे हैं।
32 याचिकाएं दायर कर चुके हैं दोषी
कोर्ट को सूचित करते हुए उन्होंने कहा कि दोषी मुकेश के सारे कानूनी उपचार खत्म हो चुके हैं। दोषियों की ओर से हायर अथॉरिटी के आदेशों को ही चुनौती देने के लिए 32 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। यह भी कहा कि एक घटना जिसने पूरे समाज की चेतना को झकझोर कर रख दिया था, उसके दोषियों को आज तक फांसी नहीं हो पाई। ये चारों अदालत में अब जीवन की अहमियत की दुहाई दे रहे हैं, पर उस लड़की की जिंदगी का क्या जो इनके अपराध की वजह से चली गई। समाज इंसाफ मिलने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने शत्रुघ्न चौहान मामले के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया।
किस दोषी के पास बचे कौन से विकल्प
मुकेश और विनय की सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद रिव्यू, क्यूरेटिव और फिर दया याचिका खारिज हो चुकी है और इस तरह इनके कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। (सुप्रीम कोर्ट में रिट डालने का अधिकार हमेशा रहता है)। अक्षय की रिव्यू और क्यूरेटिव खारिज हो चुकी है, लेकिन उसकी दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है। वहीं पवन की क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दोनों ही विकल्प अभी बाकी हैं। साथ ही पवन ने खुद को जूवेनाइल होने का दावा किया था और रिव्यू खारिज हुई है, लेकिन जूवेनाइल मसले पर भी क्यूरेटिव का विकल्प बचता है।
फांसी पर रोक के लिए आज सुनवाई
निर्भया के दोषियों की फांसी पर शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा लगाई गई रोके के फैसले को केंद्र व तिहाड़ जेल प्रशासन ने शनिवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई आज के लिए तय की। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार की एकल पीठ ने केंद्र और तिहाड़ प्रशासन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। इस बीच अभियोजन पक्ष की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चारों दोषी एक साथ मिलकर कानून के साथ खेल रहे हैं, ताकि किसी भी तरह उनकी फांसी की सजा टल जाए। उन्होंने दलील दी कि शुक्रवार को पटियाला हाउस कार्ट ने दोषी विनय की याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के चलते शनिवार को दोषियों की फांसी का स्थगित कर दिया। उन्होंने दलील दी कि इस आवेदन में ऐसा कोई भी कारण नहीं बताया गया जिसकी न्यायिक जांच की जा सके। उनकी दलीलें सुनकर पीठ ने तिहाड़ जेल प्रशासन और चारों दोषियों को नोटिस जारी करके मामले की सुनवाई रविवार को मुकर्रर की। 

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