
भारत के साथ अपने रिश्ते खराब नहीं कर सकता सऊदी अरब, सउदी के आर्थिक हित भारत से
पाकिस्तान को कश्मीर मामले पर नहीं मिल रहा सहयोग
इस्लामिक सहयोग संगठन में सऊदी अरब द्वारा कश्मीर का मुद्दा न उठाने के फैसले से पाकिस्तान नाराज है। सऊदी अरब के इस रुख से पाकिस्तान दुखी हैं, लेकिन उसकी मजबूरी इसकारण , क्योंकि मौजूदा समय में वह सऊदी अरब को नजरअंदाज या दरकिनार कर आगे नहीं बढ़ सकता है। विदेश मामलों के जानकार कमर आगा का कहना है कि पाकिस्तान आर्थिक तौर पर सऊदी अरब के ऊपर निर्भर है। पाकिस्तान यह बात जानता है कि सऊदी अरब को दरकिनार कर वह आगे नहीं बढ़ सकता है। आर्थिक तौर पर भी पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब की काफी अहमियत है। वहीं,बार-बार कश्मीर का मुद्दा उछालने की कोशिश से सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्तों पर काफी फर्क भी पड़ा है।
कमर आगा के मुताबिक, मौजूदा समय में पाकिस्तान की स्थिति इस पूरे क्षेत्र और खाड़ी के देशों के बीच वहां नहीं रही है जो पहले हुआ करती थी। आगा मानते हैं कि सऊदी अरब के लिए भी पाकिस्तान की बड़ी अहमियत है। इसकी वजह वहां की आंतरिक सुरक्षा है। इस पूरे क्षेत्र की बाहरी सुरक्षा की गारंटी जहां अमेरिका देता है।वहीं, सऊदी की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी में पाकिस्तान की भूमिका काफी अहम है। इसकी अहमियत को इस बात से समझा जा सकता है कि पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ वर्तमान में इस्लामिक मिलिट्री काउंटर टेररिज्म कोएलिशन के कमांडर इन चीफ हैं। इसका हेडक्वार्टर रियाद में है। इसके अलावा पाकिस्तान के काफी जवान वहां पर मौजूद हैं, जो शाही परिवार की सुरक्षा में बड़ी भूमिका में हैं।
कमर आगा बताते हैं कि पूर्व में सऊदी अरब जिस तरह से पाकिस्तान की आर्थिक मदद करता रहा है, वह आगे नहीं कर पाएगा। इसकी वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिस तरह से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो रही है उसकी बदौलत सऊदी अरब के लिए खुद को संभाल पाना काफी मुश्किल है। यहीं वजह है कि सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए केवल तेल पर ही निर्भर नहीं रहकर दूसरी चीजों में निवेश कर रहा है। वहीं भारत के साथ संबंधों का जिक्र करें,तब वहां की मजबूत अर्थव्यवस्था में भारतीयों का भी अहम रोल रहा है। इसके तेल के मामले में भी ईरान से खरीद खत्म करने के बाद सऊदी अरब के बड़े तेल खरीददारों में भारत ही है। इसके अलावा भारत की तरफ से तेल की कीमत भी तय समय में अदा कर दी जाती है। इसकी वजह से भारत की छवि न सिर्फ सऊदी अरब के लिए, बल्कि दूसरे खाड़ी देशों में भी काफी अच्छी है।