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वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, मामले की सुनवाई बुधवार को 

वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, मामले की सुनवाई बुधवार को 

वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, मामले की सुनवाई बुधवार को 
दिल्ली के शाहीन बाग में सड़क खाली कराने के लिए नियुक्त वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। दोनों वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट को सौंपा। रिपोर्ट मिलाने के बाद जस्टिस एसके कौल ने कहा कि वार्ताकार की रिपोर्ट केवल अदालत के लिए है, इस रिकॉर्ड पर नहीं रखा जाएगा। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। इसके पहले वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन की चौथे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांग रखकर कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं होता , तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा।
शाहीन बाग में रास्ता हटाने के लिए चल रहे प्रयासों में शामिल वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें उन्होंने सीएए विरोधी स्थल पर सड़क को खोलने के समाधान बताएं हैं। हलफनामे में कहा गया है कि आस-पास की कुछ सड़कों पर लगे बैरिकेड्स हटाने से स्थिति में तुरंत राहत मिल सकती है। तकनीकी रूप से शीर्ष कोर्ट ने मुख्य वार्ताकार के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े को नियुक्त किया है, जिनकी सहायता साधना रामचंद्रन कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार को हबीबुल्लाह से बात करने को कहा है, जो इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रदर्शनकारियों से बात कर सकते हैं।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, हबीबुल्ला ने प्रदर्शन स्थल शाहीन बाग का दौराकर अपना हलफनामा दायर किया। सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में हबीबुल्ला ने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास पांच जगहों पर नाकाबंदी की है। उन्होंने कहा कि अगर इस नाकाबंदी को हटा दे तब यातायात आवागमन सामान्य हो जाएगा। हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने अनावश्यक रूप से सड़कों को बंद किया है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। 

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