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एजीआर मामले में टेलीकॉम कंपनियों को मिल सकती है राहत, कम ब्याज पर सॉफ्ट लोन संभव   

एजीआर मामले में टेलीकॉम कंपनियों को मिल सकती है राहत, कम ब्याज पर सॉफ्ट लोन संभव   

एजीआर मामले में टेलीकॉम कंपनियों को मिल सकती है राहत, कम ब्याज पर सॉफ्ट लोन संभव   
टेलीकॉम मंत्रालय, वित्त मंत्रालय एवं नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक बिना किसी फैसले के खत्म हो गई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में चर्चा हुई कि एजीआर नहीं चुकाने की वजह से अगर टेलीकॉम कंपनियां बंद होती हैं, तो देश में किसी एक कंपनी का एकाधिकार हो सकता है या फिर टेलीकॉम बाजार में सिर्फ दो ही खिलाड़ी रह जाएंगे। दोनों ही स्थितियां दूरसंचार बाजार के लिए अच्छी नहीं है। 
बैठक में टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के मामले में किसी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंचा जा सका है, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की तरफ से कम ब्याज दरों पर सॉफ्ट लोन की व्यवस्था की जा सकती है। 20 फरवरी को वोडाफोन आइडिया ने एजीआर बकाए को लेकर दूरसंचार विभाग को एक हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। इससे पहले 17 फरवरी 2020 को भी कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपए जमा किए थे। अब वोडाफोन आइडिया पर 49,538 करोड़ रुपए बकाया है। पहले यह रकम 53,038 करोड़ रुपए थी। 
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया टाटा टेलीसर्विसेज को भी एक से दो दिन में पूरे बकाए का भुगतान करने का नोटिस भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल ने एजीआर बकाए में से सरकार को 10,000 करोड़ रुपए जमा किए थे। इसके बाद वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने क्रमशः 2,500 करोड़ और 2,190 करोड़ रुपए जमा किए थे। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ अपनी बैठक के बाद भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा था कि मैंने सरकार को भरोसा दिलाया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे और 17 मार्च से पहले बकाया का भुगतान करेंगे।

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