
दिल्ली में हुई हिंसा पर अमेरिकी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी
दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा पर अमेरिकी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि भारत में धार्मिक असहिष्णुता में वृद्धि भयावह है। जयपाल ने ट्वीट किया,लोकतांत्रिक देशों को विभाजन और भेदभाव बर्दाशत नहीं करना चाहिए या इसतरह के कानून को बढ़ावा नहीं देना चाहिए जो धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता हो। उन्होंने कहा, दुनिया देख रही है। सांसद एलन लोवेन्थाल ने भी हिंसा को नैतिक नेतृत्व की दुखद विफलता’ करार दिया। उन्होंने कहा,हमें भारत में मानवाधिकार पर खतरे के बारे में बोलना चाहिए।राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की दावेदार एवं सांसद एलिजाबेथ वारेन ने कहा,भारत जैसे लोकतांत्रिक साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना अहम है, लेकिन हमें मूल्यों पर सच्चाई से बात करनी चाहिए। जिनमें धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा स्वीकार्य नहीं है। कांग्रेस सदस्य रशीदा तालिब ने ट्वीट किया इस सप्ताह ट्रंप भारत गए लेकिन फिलहाल दिल्ली में असली खबर सांप्रदायिक हिंसा होनी चाहिए। इस पर हम चुप नहीं रह सकते।’’मीडिया ने भी इन घटनाओं को पूरी तवज्जो दी है। अमेरिकी अखबार ने एक रिपोर्ट में कहा, ये दंगे विवादित नागरिकता कानून पर महीनों तक चले प्रदर्शनों के बाद चरम पर पहुंचे तनाव को दिखाते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के समर्थकों और आलोचकों के बीच बढ़ रहे मतभेद को भी दिखाता है।