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360 अरब टिड्डियों से जंग के लिए चीन उतारेगा अपनी 'डक सेना'

 360 अरब टिड्डियों से जंग के लिए चीन उतारेगा अपनी 'डक सेना'

360 अरब टिड्डियों से जंग के लिए चीन उतारेगा अपनी 'डक सेना'
 पिछले 60 साल में पहली बार रेगिस्‍तानी टिड्डियों के अटैक का सामना करने के लिए चीन ने एक अनोखा तरीका अपनाया है। अफ्रीका और एशिया के कई देशों में फसलों का साफ करने के बाद टिड्डे अब भारत पाकिस्‍तान के रास्‍ते चीन की ओर बढ़ रहे हैं। इन टिड्डियों की फौज से जंग के लिए चीन अपनी एक लाख 'डक फोर्स' को मैदान में उतारने जा रहा है। पाकिस्‍तान के 9 लाख हेक्‍टेयर जमीन पर टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है। सिंध के किसानों के नेता जा‍हिद भुरगौरी कहते हैं कि टिड्डियों के हमले में 40 फीसदी फसल नष्‍ट हो गई है। गेहूं, कपास और टमाटर की फसलें बर्बाद हो गई हैं। आटे के संकट से जूझ रहे पाकिस्‍तान की टिड्डियों ने समस्‍या कई गुना बढ़ा दी है। टिड्डियों से जारी इस जंग में जीत के लिए पाकिस्‍तान को भारत की मदद लेनी पड़ रही है। 
टिड्डियों के आतंक से भारत के राजस्‍थान, गुजरात और पंजाब के कई जिले प्रभावित हैं। राजस्थान में किसानों की फसलों पर टिड्डों का कहर जारी है। पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों के कम से कम 3.6 लाख हेक्टेयर की फसल को टिड्डों ने नुकसान पहुंचाया है। कई जिलों में तो आधे से ज्यादा फसलें बर्बाद हो गई हैं और किसान इनके आगे लाचार नजर आ रहे हैं। श्रीगंगानगर जिले में टिड्डों ने खेतों में खड़ी फसल का 75 प्रतिशत हिस्सा बर्बाद कर दिया है। कई किसानों ने बताया कि इस बार का नुकसान और टिड्डों का हमला बहुत खतरनाक और अबतक का सबसे बड़ा है। टिड्डे गेहूं, जौ, सरसो, जीरा और कई अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बीकानेर जिले के श्याम सोमरा कहते हैं, टिड्डे पूरे पौधे नहीं खा रहे बल्कि फूलों को चबा डाल रहे हैं,इसकारण फसल पूरी तरह से तबाह हो रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार जून 2020 में मॉनसून आते ही भारत के 2 लाख स्क्वैयर मीट रेगिस्तानी इलाके में टिड्डियों का आक्रमण हो जाएगा। ये टिड्डियां ईरान के दक्षिणी-पूर्वी भाग, दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान और अफ्रीकी प्रायद्वीप हॉर्न ऑफ अफ्रीका से आएंगी। यह आक्रमण पिछले से भी बड़े पैमाने पर हो सकता है।'
टिड्डियों के संकट से निपटने के लिए चीन ने अपनी 'डक फोर्स' को सीमा पर भेज दिया है। इस चीनी फोर्स में एक लाख बतख शामिल हैं। दरअसल, बतख एक तरीके से 'जैविक हथियार' हैं। हालांकि हिमालय के होने की वजह से चीन पर टिड्डियों के हमले का खतरा जहां कम है, फिर भी चीन अपनी तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। यही नहीं टिड्डियों के खात्‍मे के लिए बतख का इस्‍तेमाल पर्यावरण के ल‍िहाज से भी अच्‍छा है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक बतख प्रतिदिन 200 टिड्डियों को खा सकती है। टिड्डियों के हमले से बचाव के लिए बतखों को पाकिस्‍तान भेजने से पहले इनका चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में परीक्षण शुरू होगा। बताया जा रहा है कि 360 अरब टिड्डियों की फौज ने पूर्वी अफ्रीका को बर्बाद करने के बाद सऊदी अरब के रास्‍ते पाकिस्‍तान और भारत में प्रवेश किया है। चीन के शिंजियांग प्रांत में बतखों और मुर्गियों का पालन किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक एक बतख 4 वर्ग मीटर के इलाके को टिड्डियों के आतंक से मुक्‍त कर सकती है। 

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