
चीन से बाहर हो सकता है कोरोना वायरस का केंद्र, ताजा शोध से खुलासा
चीन के जानलेवा नॉवेल कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में हो रहे अध्ययनों से कुछ सफलता नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक इस वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह पता लगाना अभी भी मुश्किल है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के ओरिजिन का पता लगाने कि लिए और ठोस व ऑथेंटिक रिसर्च कि जाने की जरूरत है। कोरोना से जुड़ी रिपोर्टके मुताबिक गौर करने वाली बात है कि अब तक कोरोना वायरस से 2,977 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। शनिवार को आईं मीडिया रिपोर्ट्स कहना है कि अमेरिका में अभी तक सीओवीआईडी-19 के कम से कम चार मामले मिले हैं जिनके सोर्स का अभी पता नहीं चला है। झांग ने कहा, 'दोनों बातों को अभी एक साथ रखकर देखा जाना चाहिए और जब तक पर्याप्त सबूत ना हों किसी सटीक जानकारी से बचना चाहिए।'
21 फरवरी को चाइनीज़ अकेडमी ऑफ साइंसेज में एसोसिएट प्रोफेसर यू वेनबिन ने एक रिसर्च पेपर सम्मिट किया। इस पेपर में संकेत दिए गए हैं कि हो सकता है वुहान में हुआनन सीफूड मार्केट कोरोना वायरस का केंद्र ना हो। आर्टिकट में कहा गया है कि 58 नए कोरोना वायरस के हैप्लोटाइप्स को एच1-एच58 नंबर दिए गए। इन्हें 5 ग्रुप ए, बी, सी, डी और ई में बांटा गया है, जिनमें ए सबसे बड़ा और ई सबसे छोटा वायरस है। हालांकि, हुबेई में सिर्फ ग्रुप सी के कोरोना वायरस का ही पता लगा है। लेकिन अमेरिका में इन पांचों ग्रुप के वायरस को देखा गया है।
हालांकि, यू और उनके कर्मचारियों का मानना है कि हो सकता है हुबेई में मौजूद नॉवेल कोरोना वायरस कहीं और से आकर यहां फैला हो। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यह रिसर्च विज्ञान पर आधारित है। उनके मुताबिक, 'अगर अमेरिका में मिले नॉवेल कोरोना वायरस के सभी टेस्ट रिजल्ट ग्रुप सी के पाए जाते हैं, तो कहा जा सकता है कि यह चीन से ही फैला। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हो सकता है कि यहीं से फैला हो।'
हाल ही में ताइवान में एक लोकल टीवी शो में फार्माकोलॉजिस्ट पैन हुवेई जॉन्ग ने इस आर्टिकल का हवाला दिया। उनका कहना था कि अमेरिका में कोविड-19 के मामले देखें तो यहां मेनलैंड चीन के मुकाबले नए कोरोना वायरस के ज्यादा मल्टीपल जेनेटिक टाइप देखने को मिले हैं। शनिवार को वुहान के वायरोलॉजिस्ट यांग झैंनक्यू ने बताया कि अमेरिका में इन्फ्लुऐंजा से हुई मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अभी और ज्यादा शोध की जरूरत है। इन्फ्लुऐंजा की शुरुआत कहां से हुई, इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विस्तृत जांच होनी चाहिए। कई ऐसे सबूत हैं जो कोविड-19 से जुड़ी जानकारियों को मुश्किल कर रहे हैं।