
डायनासोर की मौत के लिए क्षुद्रग्रह नहीं, विषैले फूल जिम्मेदार
-अध्ययन न्यूयॉर्क की यूनिवर्सिटी एट अल्बेनी में किया गया
धरती से डायनासोर के सफाया के लिए क्षुद्रग्रह नहीं, एक विषैला फूल जिम्मेदार है। यह दावा किया है शोधकर्ताओं ने। यह शोध न्यूयॉर्क की यूनिवर्सिटी एट अल्बेनी में किया गया है। प्रमुख शोधकर्ता गॉर्डन गैलप का कहना है कि क्षुद्रग्रह के टकराने से काफी समय पहले से ही डायनासोर की आबादी में गिरावट आ गई थी। इसके लिए एक विषैले पौधे को विशेषज्ञ जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि डायनासोर इन पौधों और उसके फूल की पहचान में असमर्थ थे, क्योंकि उनकी स्वाद की ग्रंथि संभवत: विकसित नहीं हो पाई थी। गैलप का कहना है कि स्वाद की ग्रंथि हानिकारक या विषैली चीजों को पहचानने में मदद करती है और एक तरह का सुरक्षा तंत्र भी होती है। यही कारण है कि चूहों को समाप्त करने की सभी कोशिशें अब तक बेकार साबित हुई हैं। उनमें विषैले पौधों को पहचानने की क्षमता अन्य प्रजातियों की तरह पूर्ण विकसित है। उन्होंने कहा कि जब वह किसी खाद्य पदार्थ को चखते हैं और बीमार हो जाते हैं, तो वह उसे दोबारा नहीं छूते। उनके अंदर एक तरह की नकारात्मक क्रिया होने लगती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि क्रिटेशियस काल के दौरान फूलों वाले पौधे एंजियोस्पर्म्स अन्य विषैले पौधों के साथ मौजूद थे। डायनासौर पेट की तकलीफों को नजरअंदाज करते हुए सभी पौधों को एक समान रूप से खा रहे थे। एंजियोस्पर्म्स पौधे की मौजूदगी क्षुद्रग्रह के टकराने से ठीक पहले और जब डायनासोर मरने लगे, तब भी देखने को मिली। इससे विशेषज्ञों ने पौध की मौजूदगी और डायनासौर की मौत के बीच संबंध तलाशा है। बता दे कि अब तक माना जाता रहा है कि डायनासोर का धरती से सफाया साढ़े छह करोड़ साल पहले क्षुद्रग्रह की टक्कर के कारण हुआ था। लेकिन एक नए शोध में खुलासे के बाद लोगों की धारणाएं बदल जाएगी।