
कोरोना से संकट में फंसा पाक, कारोबारी कामकाज रोका तो अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा दबाव
पाकिस्तान में कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। ऐसे में सरकार के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए हैं। भारत समेत दुनिया के दूसरे देशों में शहरों में कारोबारी कामकाज बंद कर दिया गया है, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण रोका जा सके, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर सकता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसा कर पाना नामुमकिन है। उन्होंने कहा पहले इस बारे में सोचा गया था, लेकिन इससे देश की नाजुक अर्थव्यवस्था पर करारी चोट के डर से ऐसा नहीं किया गया। पाकिस्तान में अब तक कोरोना वायरस से इन्फेक्शन के 237 मामले सामने आ चुके हैं।
इमरान ने कहा पश्चिमी देशों की तरह पाकिस्तान बड़े स्तर पर शहरों को बंद करने का जोखिम नहीं उठा सकता। उनका कहना है कि यहां हालात अमेरिका या यूरोप जैसे नहीं हैं। यहां 25 फीसदी आबादी गरीबी में रहती है। अगर शहर बंद किए जाते हैं, तो लोगों को कोरोना वायरस से तो बचा लिया जाएगा, लेकिन वे भूख से मर जाएंगे।
पाकिस्तान क्रिकेट स्टेडियम, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी बंद कर चुका है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान को कोरोना वायरस का खतरा बाकी देशों से ज्यादा है। इसकी सीमाओं से अंदर-बाहर करना आसान है, अस्पतालों की हालत खराब है, हाथ मिलाना और गले मिलने परंपरा का हिस्सा है और बड़े शहरों में भी लाखों की जनसंख्या अशिक्षित है।
इस सबके अलावा देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और इसे कई बार इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड से लोन लेने की जरूरत पड़ चुकी है। इन सब बातों से इमरान खान भी अच्छा तरह वाकिफ हैं। खान का कहना है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पिछले साल फायदा हुआ लेकिन कोरोना वायरस के कारण उस पर दबाव बढ़ गया है।
खान ने आईएमएफ से उसे दिए गए कर्ज को चुकाने में रियायत देने की सिफारिश भी की है। उन्होंने कहा है कि आईएमएफ से राहत इसलिए मांगी गई है, क्योंकि देश की इंडस्ट्रीज और एक्सपोर्टर्स को राहत दी जानी है। इस मुश्किल समय में खाने-पीने के सामान की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी खान ने दी है। पाकिस्तान में बुधवार तक 237 मामले पाए गए हैं जिनमें से 172 सिंध, 26 पंजाब, 16 बलूचिस्तान, 16 खैबर पख्तूनख्वा, 5 कश्मीर-गिलगिट-बलटिस्तान और 2 इस्लामाबाद के हैं। वहीं, मंगलवार को लाहौर में एक संदिग्ध की मौत की खबर थी। हालांकि, बाद में इस बात की पुष्टि की गई कि उनकी मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई थी।