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कोरोना के हाहाकर के बीच उच्च सदन में हुआ जबरदस्त काम 

कोरोना के हाहाकर के बीच उच्च सदन में हुआ जबरदस्त काम 

कोरोना के हाहाकर के बीच उच्च सदन में हुआ जबरदस्त काम 
संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग में शुरुआती दो सप्ताह के दौरान विभिन्न मुद्दों पर राज्यसभा में हंगामे के कारण कामकाज बाधित होने के बाद तीसरे सप्ताह में राज्यसभा के कामकाज में बढ़ोतरी हुई है। राज्यसभा सचिवालय द्वारा की गई साप्ताहिक समीक्षा के अनुसार चालू सत्र के तीसरे सप्ताह में उच्च सदन में 106 प्रतिशत काम हुआ। तीसरे सप्ताह के दौरान 16 से 20 मार्च तक के कामकाज के बारे में राज्यसभा सचिवालय द्वारा शनिवार को दी गयी जानकारी के अनुसार बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले सप्ताह में मात्र 9.5 प्रतिशत काम ही हुआ था। पिछले दो सप्ताह में कामकाज की मात्रा में तेजी से इजाफा दर्ज हुआ, दूसरे सप्ताह में बढ़कर 82.6 प्रतिशत और तीसरे सप्ताह में 106 प्रतिशत तक पहुंच गया है। 
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर 19 मार्च को सदस्यों द्वारा सदन की बैठक स्थगित करने की मांग पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा था कि स्थगन समस्या का समाधान नहीं है। कोरोना के कारण सभी यात्रा सेवाएं प्रभावित होने की वजह से नायडू ने सप्ताहांत के अवकाश के बाद सोमवार को सदन की बैठक दिन में 11 बजे के बजाय दोपहर दो बजे आहूत करने की घोषणा की थी।कामकाज ब्यौरे के मुताबिक तीसरे सप्ताह में पांच कार्यदिवस के दौरान सदन की बैठक निर्धारित अवधि 28 घंटा 30 मिनट के बजाय 30 घंटा 28 मिनट तक चली। इस दौरान सदन की कार्यवाही विभिन्न कारणों से एक घंटा दस मिनट बाधित रही।इस दौरान कुछ दिनों में भोजनावकाश के दौरान भी सदन में कामकाज होने के कारण तीन घंटे अतिरिक्त काम हुआ।
इस सप्ताह 18 मार्च को छोड़कर शेष सभी कार्यदिवस पर प्रश्न काल हुआ। इस दौरान सदन पटल पर 34 सवालों के संबद्ध मंत्री द्वारा मौखिक जवाब दिए। साथ ही केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 2019, भारतीय औषधि प्रणाली राष्ट्रीय आयोग अधिनियम 2019 और राष्ट्रीय होम्योपेथी आयोग अधिनियम 2019 भी सदन में लगभग सात घंटे की चर्चा के बाद पारित हुए। इन विधेयकों पर चर्चा में 56 सदस्यों ने भाग लिया। इस सप्ताह तीन मंत्रालयों, रेल, विधि एवं न्याय और लघु, सूक्ष्म एवं मझौले उद्योग मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर भी विस्तार से चर्चा की गयी और चर्चा के उपरांत संबद्ध मंत्रियों ने इसका जवाब भी सदन पटल पर प्रस्तुत किया। तीनों मंत्रालयों की कार्यप्रणाली पर 11 घंटा 24 मिनट तक हुयी चर्चा में 59 सदस्यों ने हिस्सा लिया। 
 

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