
कोरोना वायरस के जन्म को लेकर अब तक अमेरिका पर हमला करने वाले चीन के निशाने पर अब इटली आ गया है। चीन ने कहा है कि इटली में पिछले साल नवंबर और दिसंबर में ही न्यूमोनिया के मामले सामने आए थे। चीन ने संदेह व्यक्त किया है कि ये मामले कोरोना संक्रमण के थे। चीन के सरकारी समाचार पत्र ने रिपोर्टों के हवाले से यह दावा किया है। चीन के वुहान में कोरोना संक्रमण के मामले इस साल जनवरी में सामने आए थे। चीनी समाचारपत्र का यह दावा ऐसे समय आया है, जब कोरोना वायरस के जन्मस्थान को लेकर चीन और अमेरिका में जुबानी जंग छिड़ी हुई है। चीन के वुहान शहर में कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद अब चीन इस संकट से उबरता दिख रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि कोरोना वायरस अमेरिका से फैला है।
चीन के इस दावे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'चाइनीज वायरस' बताकर जोरदार पलटवार किया था। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया है कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर प्रारंभिक सूचना छिपाई जिसकी सजा आज दुनिया भुगत रही है। ट्रंप ने कोरोना वायरस को चीनी वायरस बताते हुए कहा दुनिया चीन के कर्मों की बहुत बड़ी सजा भुगत रही है। इस बीच इटली में कोरोना से मरने वालों की संख्या चीन से भी ज्यादा हो गई। यही नहीं अमेरिका में भी मरने वालों का आंकड़ा 300 को पार गया है। संकट की इस घड़ी में चीन ने यह दुष्प्रचार तेज कर दिया है कि कोरोना का जन्म उसके वुहान शहर से नहीं हुआ था। इससे पहले कोरोना संकट के केंद्रबिंदु चीन ने दावा किया था कि यह घातक वायरस अमेरिका से फैला है। यही नहीं चीन ने यह भी कहा था वुहान में इसके संक्रमण के पीछे अमेरिकी सेना का हाथ हो सकता है। कोरोना वायरस संक्रमण की सबसे पहले पुष्टि चीन के हुबेई प्रांत में हुई थी। हुबेई की राजधानी वुहान इस वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है, हालांकि अब वहां संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में है।