नवरात्र को लेकर मंदिरों के पुजारी असमंजस में
देश भर में 25 मार्च से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। नवरात्र को लेकर कई प्रसिद्ध मंदिरों के पुजारी और महंत बड़े असमंजस में हैं। महरौली स्थित श्रीयोग शक्तिपीठ मंदिर के प्रमुख रामजीदास (रसायनी बाबा) हर साल नवरात्र में नौ दिन तक शतचंडी पाठ, महायज्ञ और भंडारा का आयोजन करते हैं। इसी तरह से कालका जी मंदिर, कात्यायनी शक्ति पीठ योगमाया मंदिर समेत दिल्ली के प्रमुख देवस्थानों में पूजा-पाठ होता है। पंडित, पुजारी, साधु, और संतों की असल चिंता भंडारा को लेकर है। रसायनी बाबा का कहना है कि शतचंडी पाठ, महायज्ञ के बाद असल का प्रसाद भंडारा ही है। शतचंडी महायज्ञ और पाठ में देश के कोने-कोने से साधु, पंडित, आचार्य हिस्सा लेते हैं। इसमें सभी वर्ग के लोग एक पांत में बैठकर प्रसाद प्राप्त करते हैं। भंडारा होने पर ही भक्त को नवरात्रि में पूजा का पुष्य प्राप्त होता है। वह खुद दशकों से इस परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। इसलिए इस बार भी तैयारी पूरी है। भंडारा के समय में आने वाले श्रद्धालुओं के कैसे मना किया जा सकता है। इसलिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखकर इसे छोटे पैमाने पर और कम लोगों की पांत बिठाकर इस परंपरा का निर्वाह करने की योजना है। हालांकि इस बार कोरोना के भय से कम लोगों के ही घर से बाहर निकलने की उम्मीद है।
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नवरात्र को लेकर मंदिरों के पुजारी असमंजस में