
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण ने यूरोप के अधिकांश देशों तक अपने पैर पसार लिए हैं। चीन के बाद इटली, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस इसकी सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं। हालांकि अब वैज्ञानिकों ने ये कहकर सबको चौंका दिया है कि ये सिर्फ शुरुआत है, इस बीमारी का अपने चरम पर पहुंचना अभी बाकी है। खासकर चीन को चेतावनी देते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि भले ही उसने इसकी पहली वेव पर काबू पा लिया हो, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। इसका अगला चरण दुनिया भर के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। एक मेडिकल जनरल में फ्रांस के पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट और एपिडेमोलॉजिस्ट एंटोनी फॉल्ट ने एक लेख में चेतावनी जारी की है कि ये कोरोना संक्रमण का सबसे पहला चरण है। अभी सबसे बुरा समय आना बाकी है। भले ही चीन दावा कर रहा है कि कई दिनों से कोई लोकल इन्फेक्शन का केस नहीं आया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
एंटोनी के मुताबिक, ये एक सुनामी की तरह है जिसमें तबाही मचाने के लिए कई लहरें होती हैं। ये कोरोना की पहली लहर है जिसे सुनामी की भाषा में 'हेरल्ड वेव' भी कहते हैं। सुनामी की सबसे बड़ी और खतरनाक लहर आना अभी बाकी है। एंटोनी के मुताबिक फ्लू कैसे फैलते हैं ये जानने के लिए हमें स्पेनिश फ्लू ने कैसे कहर मचाया था, इससे सीखना होगा। ये प्रथम विश्व युद्ध से पहले नज़र आया, 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को मारा और अचानक गायब हो गया। ज्ञात है कि इतने लोग तो प्रथम विश्व युद्ध में भी नहीं मारे गए थे। एंटोनी ने लिखा है कि उस दौरान के दो गणितज्ञों को इस सवाल ने काफी झकझोर दिया था कि स्पेनिश फ्लू गायब कहां हो गया। 1920 के अंत में विलियम ओलिग्वी केर्मैक और एंडरसन ग्रे केंड्रिक ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया था जो ऐसे एपिडेमिक की रफ़्तार और संक्रमण की दिशा समझने में काफी मददगार है। इन्होंने पता लगाया कि कोई भी बीमारी इसलिए ख़त्म नहीं हो जाती कि क्योंकि अब बीमार होने के लिए लोग ही नहीं बचे बल्कि ये एक 'हर्ड इम्युनिटी' के लेवल तक पहुंच जाता है।