लोकसभा में सोमवार को वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर बजट 2020-21 पारित होने की प्रकिया पूरी हो गई। कोरोना के कारण निचले सदन ने बिना चर्चा के वित्त विधेयक को मंजूरी दी। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे। बजट सत्र का दूसरा चरण 3 अप्रैल तक चलना था लेकिन कोरोना कारण समय से पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना पड़ा। इस बार बजट सत्र के दौरान 23 बैठकों में 109 घंटे 23 मिनट तक कामकाज हुआ। सत्रहवीं लोकसभा के तीसरे सत्र (बजट सत्र) की शुरूआत 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ हुई थी। बजट सत्र का दो मार्च से शुरू हुआ था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र के दौरान 23 बैठकें (आज की बैठक सहित) हुईं, जो 109 घंटे 23 मिनट तक चलीं। स्पीकर ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर कहा कि 31 जनवरी, 2020 को दोनों सदनों के सदस्यों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रस्ताव 15 घंटे 21 मिनट तक चले वाद-विवाद के बाद मंजूर किया गया। बिरला ने कहा कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी और अन्य कार्यों को भी निपटाया गया।
स्पीकर ने बताया कि केन्द्रीय बजट 2020-21 पर चर्चा 11 घंटे 51 मिनट तक चली, वहीं रेल मंत्रालय के वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा 12 घंटे 31 मिनट, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा 5 घंटे 21 मिनट तक व पर्यटन मंत्रालय के अनुदानों की मांगों पर चर्चा 4 घंटे और 1 मिनट तक चली। बजट सत्र के दौरान कुल मिलाकर, 13 विधेयक पारित हुए। अध्यक्ष ने बताया कि बजट सत्र में 98 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। प्रश्न काल के बाद, सदस्यों ने शाम को देर तक बैठकर लगभग 436 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले शून्यकाल में उठाए। सदस्यों ने नियम 377 के तहत कुल 399 मामले भी उठाए। सदन में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकारी कामकाज के संबंध में दो बयान दिए, वहीं कोरोना वायरस के कारण बनी स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 16 बयान दिए। इस सत्र के दौरान, संबंधित मंत्रियों ने कुल 1765 पत्र सभा पटल पर रखे।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सदन में दिल्ली के कुछ हिस्सों में कानून और व्यवस्था की स्थिति के संबंध में नियम 193 के अंतर्गत एक अल्पकालिक चर्चा भी की गई। 4 घंटे और 37 मिनट तक चली इस चर्चा पर गृहमंत्री अमित शाह ने ने जवाब दिया। इस सत्र में, तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सभा 21 घंटे और 48 मिनट देर तक बैठी। जहां तक गैर-सरकारी सदस्यों के संकल्पों का संबंध है, बीजेपी सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने 21 जून, 2019 को प्रस्तुत बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट और छुट्टा गोवंश की समस्या को दूर करने के लिए केन-बेतवा नदी संपर्क परियोजना द्वारा नहरों का निर्माण संबंधी संकल्प को सभा की अनुमति से 20 मार्च को वापस ले लिया। बीएसपी के रितेश पाण्डेय ने 20 मार्च को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के लिए कल्याणकारी उपाय के संबंध में एक संकल्प पेश किया जिस पर उस दिन चर्चा पूरी नहीं हुई।
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बिना चर्चा के वित्त विधेयक पास, 23 बैठकों में 109 घंटे 23 मिनट तक कामकाज हुआ