YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

गरीब वर्ग के लोग भी अब निजी अस्पतालों में करा सकेंगे कोरोना का टेस्ट और इलाज -एनएचए ने आयुष्मान भारत योजना में जोड़ा महामारी का उपचार

गरीब वर्ग के लोग भी अब निजी अस्पतालों में करा सकेंगे कोरोना का टेस्ट और इलाज -एनएचए ने आयुष्मान भारत योजना में जोड़ा महामारी का उपचार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आयुष्मान भारत योजना के तहत कोरोना वायरस के उपचार को शामिल करने का फैसला किया है, ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी निजी अस्पतालों में इलाज करा सके। आयुष्मान भारत मोदी सरकार की ओर से वंचित तबके के लिए शुरू की गई स्वास्थ्य बीमा योजना है। 
एनएचए ने फैसला किया है कि आयुष्मान भारत लाभार्थी किसी भी सूचीबद्ध निजी अस्पताल में जाकर मुफ्त में अपना कोविड-19 टेस्ट करा सकेगा। अगर उसमें कोराना वायरस के लक्षण की आशंका जताई जाती है और उसे किसी निजी अस्पताल में आइसोलेशन में रहना पड़ता है, तो इसका खर्च आयुष्मान भारत योजना में शामिल होगा। एनएचए के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया हमने उन पैकज को अंतिम रूप दे दिया है, जो आयुष्मान भारत के लाभार्थी के उपचार की लागत उठाने के लिए जरूरी है। 
हमने सूचीबद्ध अस्पतालों में कोविड-19 की पुष्टि से जुड़े टेस्ट और व्यक्ति के आइसोलेशन से जुड़े खर्च को शामिल करने का फैसला किया है। इन खर्च को स्कीम में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा एनएचए को अपने वायरस इंफेक्शन पैकेज के तहत उपचार की लागत को भी कवर करने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि मरीज को अधिक गंभीर मामले में इंटेसिव केयर की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में सांस लेने में परेशानी जैसे अतिरिक्त पैकेज पर भी काम चल रहा है। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) या आयुष्मान भारत गरीबों को मुफ्त में बीमा कवरेज मुहैया कराती है। 
यह दुनिया की सबसे बड़ी और पूरी तरह से सरकार की ओर से प्रायोजित स्वास्थ्य बीमा योजना है। इस योजना का लक्ष्य 10.74 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाना है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को सालाना 5 लाख का बीमा कवर मिलता है, जिसमें 1,400 पूर्व-निर्धारित पैकेज शामिल हैं। एनएचए ने अपने प्रस्ताव को नीति आयोग के पास भी भेज दिया है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि पैकेजों को देश भर में लागू करने के लिए गवर्निंग बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी। 
एनएचए के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया हमने दो दिनों के अदंर तत्काल मंजूरी मांगी है। यह पैकेज एक हफ्ते के अंदर लागू हो जाने चाहिए। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि महाराष्ट्र और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जताई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे इनकार किया है, लेकिन हमें अपनी तरफ से इसके लिए तैयार रहना चाहिए। 
 

Related Posts