दुनियाभर के देशों में हाहाकार मचाने वाला कोरोना वायरस भारत में तेजी से प्रसार कर रहा है। देश में अब तक कोरोना की वजह से 9 मौतें हो चुकी हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ कर 434 हो चुकी है। भारत समेत 35 से ज्यादा देशों में लॉकडाउन किया गया है।
दुनियाभर में तीन लाख से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जबकि कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 13 हजार से ज्यादा हो चुकी है। इटली में कोरोना का कहर चीन से भी ज्यादा है। इटली में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा चीन के आंकड़ों को भी पार कर चुका है। इस बीच सवाल यह किया जा रहा है कि आखिर भारत में कोरोना का संक्रमण इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है?
दरअसल, भारत में कोरोना वायरस की तेजी से जांच करने की सुविधा नहीं है। यही वजह है कि कोरोना वायरस की जांच तेजी से नहीं की जा रही है। यही वजह है कि भारत में बहुत तेजी से कोरना की जांचे नहीं की जा रही हैं। भारत में 84000 लोगों पर एक आइसोलेशन बेड और 36000 लोगों पर एक क्वारंटीन बेड उपलब्ध है।
जबकि देश में 11600 लोगों के लिए एक डॉक्टर और 1826 लोगों के लिए एक हॉस्पिटल उपलब्ध है। इतना ही नहीं भारत ने टेस्टिंग के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से तकरीबन 10 लाख किट और मांगी हैं।
वहीँ, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने यह भी दावा किया है कि 23 मार्च तक भारत में दो ऐसी लैब तैयार हो जाएंगी जहां 1400 टेस्ट रोज किए जा सकेंगे। भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए सिर्फ 111 सरकारी लैब हैं और अब सरकार ने प्राइवेट लैब को भी कोरोना की जांच की इजाजत दे दी है। दिक्कत की बात यह है कि इन लैबों में उस तेजी से जांच की सुविधा नहीं है, जितनी जरूरी है।
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भारत में तेजी से कोरोना टेस्टिंग की सुविधा नहीं, इसलिए बढ़ रहा संक्रमण