पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से कोहराम मचा हुआ है। सभी राज्यों में लगभग लॉकडाउन की स्थिति की ई है। इस खतरनाक वायरस का गहरा असर हर क्षेत्र में पड़ा है। कई ट्रेनें रद्द की गई है, फ्लाइट की सेवाएं बंद कर दी गई है। मतलब पूरे देश में सन्नाटा छाया हुआ है। भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) का कहना है कि वे उन ट्रेनों के लिए ऑनलाइन बुक किए गए टिकटों को रद्द न करें जिन्हें रद्द किया गया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें खुद ही पूरा पैसा मिल जाएगा। इससे पूर्व रेलवे ने काउंटर टिकट रद्द करने के लिए 21 जून तक का समय 3 महीने बढ़ा दिया था। आईआरसीटीसी का कहना है कि रेलवे यात्री ट्रेनों को बंद किये जाने के बाद ई-टिकट रद्द करने को लेकर संदेह जताया जा रहा है।इसमें कहा गया है, 'यात्री की ओर से कोई रद्द करने की आवश्यकता नहीं है। यदि यात्री अपनी टिकट को रद्द करता है, तो संभावना है कि उसे कम पैसा मिले। यात्रियों को सलाह दी है कि वे उन ट्रेनों के लिए ई-टिकट को रद्द न करें, जिन्हें रेलवे ने रद्द किया गया है। ई-टिकट की बुकिंग के लिए यात्री द्वारा इस्तेमाल किये गये खाते में उसका पैसा भेज दिया जायेगा। रेलगाड़ी रद्द होने के मामले में रेलवे द्वारा कोई शुल्क नहीं काटा जाता है।' गौरतलब है कि रेलवे ने कोरोना वायरस के मद्देनजर रेलगाड़ियों को 31 मार्च तक रद्द किया गया है।
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आईआरसीटीसी की अपील, टिकटों रद्द न करें, खुद ही मिलेगा पूरा पैसा