
कोरोना वायरस से परेशान अमेरिका में डब्ल्यूएचओ के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। राष्ट्रपति ट्रंप के बाद रिपब्लिकन सांसद रिक स्कॉट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाकर उस दिए जा रहे फंड में कटौती की मांग की है। अमेरिका शुरुआत से ही चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर वायरस से जुड़ी जानकारी छुपाने के आरोप लगा रहा है। स्कॉट का आरोप है कि अमेरिकी फंड का इस्तेमाल डब्ल्यूएचओ कम्युनिस्ट चीन के बचाव में कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस से कोरोना वायरस से लड़ने में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच कराने की भी मांग की है।
फ्लोरिडा से रिपब्लिकन सीनेटर रिक स्कॉट ने अमेरिकी कांग्रेस से अपील की है कि वह कोरोना से निपटने में डब्ल्यूएचओ के रेस्पॉन्स की जांच कराए। स्कॉट ने सुझाव दिया कि अमेरिका को डब्ल्यूएचओ को दी जा रही फंडिंग में कटौती कर देनी चाहिए क्योंकि यह कोरोना पर 'कम्युनिस्ट चीन के बचाव' में लगा हुआ है। स्कॉट पहले भी चीन और डब्ल्यूएचओ के करीबी संबंध को लेकर चिंता जाहिर की थी। उनका आरोप है कि चीन ने अपने यहां हुई मौत की संख्या को घटाकर दिखाया है।
झूठी जानकारी दे रहा डब्ल्यूएचओ
स्कॉट ने मंगलवार को कहा, डब्ल्यूएचओ का काम जन स्वास्थ्य की सूचनाएं दुनिया को देना है ताकि हर देश अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर फैसला ले सके। जब कोरोना वायरस की बात आई तो डब्ल्यूएचओ असफल रहा।उन्होंने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ जानबूझकर भ्रामक जानकारियां फैला रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें पता है कि कम्युनिस्ट चीन अपने यहां के केस और मौतों को लेकर झूठ बोल रहा है।' रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को चीन के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन बावजूद इसके जांच करने की जरूरत महसूस नहीं की गई।
खतरे की घंटी बजी, डब्ल्यूएचओ चीन को बचाता रहा
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डब्ल्यूएचओ चीफ पर हमला बोलकर चीन को बचाने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर पहले भी कई बार खतरे की घंटे बजती रही है लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इस छुपाया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि डब्ल्यूएचओ लगातार चीन का पक्ष लेता रहा और उसे बचाता रहा, अगर दुनिया को पहले इसकी जानकारी होती तो इतनी जानें नहीं जातीं।