
कोविड-19 की शुरुआत में माना जा रहा था कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के खांसने या छींकने पर उनकी सांस के जरिए हवा में फैले वायरस संक्रमण फैलाते हैं। लेकिन नए अध्ययन के नतीजे बिल्कुल अलग ही कहानी कह रहे हैं। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के नतीजों के अनुसार खांसने या छींकने बिना भी ये वायरस एक से दूसरे में फैल सकता है। सिंगापुर के वैज्ञानिक अध्ययन के दौरान इस चौंकानेवाले तथ्य से रूबरू हुए। अध्ययन में देखा गया कि 10 फीसदी के लगभग संक्रमणों का कारण वे लोग हैं जो जिनमें कोरोना वायरस का कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता है। वे स्वस्थ लगते हैं और इसी वजह से जांच से भी बचे रहते हैं, लेकिन यही लोग जब दूसरे स्वस्थ लोगों के बीच जाते हैं, तो अनजाने में ही बीमारी का कारण बन जाते हैं।
इस शोध के नतीजे के अलावा भी कई और शोध भी इसी ओर इशारा करते हैं। बिना लक्षणों के बावजूद बीमार हो चुके और बीमारी फैला रहे मरीजों का एक बहुत अच्छा उदाहरण डायमंड प्रिंसेस क्रूज शिप भी है। यह जापान में हफ्तों क्वेरेंटाइन में रहा, क्योंकि इसके सभी 712 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें से 334 लोग वे थे जिनमें बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं दिख रहे थे, लेकिन वे कोरोना से संक्रमित थे। इसे देखते हुए सेंटर फार डिसीजेज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कोविड 19 के इंफेक्शन फैलने पर नए तरीके से काम शुरू किया है। इसके तहत अब उन लोगों को भी शामिल किया जा रहा है, जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन वे कोरोना संदिग्ध या किसी मरीज के संपर्क में आ चुके हों।
सिंगापुर में किए गए अध्ययन सीडीसी में प्रकाशित की गई हगै। सिंगापुर में जनवरी के मध्य से मार्च के मध्य तक कोरोना के 243 मामले आए। इसमें वे 157 लोग भी शामिल थे, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। वैज्ञानिकों ने इन सबको अपने अध्ययन में शामिल किया। इसमें पाया गया कि तथाकथित प्रि-सिम्पटमिक लोगों ने 7 अलग-अलग समूहों में संक्रमण को ट्रिगर किया। इनमें से एक मामला काफी अलग था। एक 52 साल की महिला कोरोना से संक्रमित हो गई, क्योंकि वह चर्च में उसी सीट पर बैठी थी, जिसपर पहले दो सैलानी बैठे थे। सैलानियों ने जिस समय यात्रा की थी, उस समय वे ठीक थे, लेकिन बाद में उन्हें कोरोना से संक्रमित पाया गया था। चर्च में लगे सीसीटीवी कैमरे से ये बात सामने आई। इससे पहले भी चीन में किए गए एक अध्ययन में मिलते-जुलते नतीजे दिखाई दिए थे। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने ने इस बारे में विशेषज्ञों से बात के आधार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके अनुसार कोविड-19 से संक्रमित एक तिहाई लोग ऐसे होते हैं, जो कोरोना पॉजिटिव होते हैं, लेकिन तब भी उनमें या तो लक्षण नहीं दिखते या फिर बहुत ही कम लक्षण दिखाई देते हैं। इस रहस्यमयी वायरस का यही गुण इसे इतनी तेजी से पूरी दुनिया में फैला चुका है। इसमें पाया गया कि 10 फीसदी से भी ज्यादा मामलों में वायरस फैलाने के लिए वे लोग जिम्मेदार रहे हैं, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं था। स्वस्थ दिखने के कारण वे लगातार कैरियर यानी वाहक का काम करते रहे।