कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। इस दौरान बस, ट्रेन, मेट्रो, प्लेन सब बंद है। फैक्ट्री समेत अन्य आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप होने के कारण देश की अर्थव्यवस्था को रोजाना भारी नुकसान हो रहा है। एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को रोजाना करीब 4.64 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है। 21 दिनों में यह नुकसान करीब 98 अरब डॉलर का होगा। कोरोना वायरस के तेजी से फैलने से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई हैं। भारत में इसके कारण मार्च के शुरू से ही आंशिक बंद की स्थिति थी और 25 मार्च से इसमें पूर्ण बंद की घोषणा की गई। रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, देशव्यापी बंद 15 अप्रैल से समाप्त होगा। लेकिन महामारी के तेजी से फैलने पर आर्थिक गतिविधियों के लंबे समय तक प्रभावित रहने का खतरा है।
लॉकडाउन खत्म करने की मांग
इन तमाम परिस्थितियों के बीच कई आर्थिक जानकारों का कहना है कि भारत को जल्द से जल्द से लॉकडाउन खत्म करने की घोषणा करनी चाहिए। उनका तर्क है कि लाखों दिहाड़ी मजदूर जिनके पास काम नहीं है वे वैसे भी भूख से मारे जाएंगे। सरकार इतनी सक्षम नहीं है कि सबको दोनों वक्त का खाना खिला पाए। मनरेगा जैसी स्कीम्स से अभी भी लाखों मजदूर दूर हैं।
नेशन इकॉनमी
लॉकडाउन से रोजाना 98 अरब डॉलर का नुकसान