
निजामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर हाल ही में वापस लौटे एक दक्षिण अफ्रीकी मौलाना की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई है। यह जानकारी उनके परिजनों ने दी है। मौलाना यूसुफ टूटला (80) ने भारत के निजामुद्दीन मरकज में 1-15 मार्च तक चले तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। यह वही मरकज है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में वायरस संक्रमण का केंद्र बिंदु बनकर उभरा है। इसके अलावा विश्व के अन्य हिस्सों के हजारों लोगों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया था। मौत होने के बाद यूसुफ के शव को इस्लामिक दफन परिषद (आईबीसी) की तरफ से दिए गए एक बैग में रखकर दफनाया गया।
मौलवी के परिवार के एक सदस्य ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर स्थानीय मीडिया को बताया कि टूटला में भारत से लौटने के बाद से फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने लगे थे। बाद में निजी लैब की जांच में पता चला कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उन्होंने कहा, इलाज के बाद पिछले हफ्ते तक टूटला की सेहत में काफी सुधार हुआ था, लेकिन सोमवार सुबह फिर से बीमार महसूस करने लगे। इसके बाद उनकी हालत तेजी से बिगड़ी और अंतत: उनकी मौत हो गई। टूटला को भारत की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी, लेकिन वह नहीं माने।
टूटला के परिवार ने खुद को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर लिया है। उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य संक्रमण का शिकार नहीं हुआ है। आईबीसी के अध्यक्ष सलीम काजी ने कहा कि देशभर में 21 दिन के लिए लागू लॉकडाउन का आठवां दिन होने के चलते सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के तहत सीमित संख्या में ही लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए। दुनियाभर में कोरोना वायरस पर नजर रखने वाली संस्था जॉन्स हॉप्किन्स के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में 1,585 लोग इस विषाणु से संक्रमित हैं जबकि नौ लोगों की मौत हो चुकी है।