
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद भारत ने विटामिन बी1 और बी 12 सहित 24 फार्मा सामग्रियों और दवाओं पर निर्यात प्रतिबंधों में ढील दे दी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना के अनुसार पैरासिटामोल और पैरासिटामोल से बनी अन्य दवाइयों पर निर्यात प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा। डीजीएफटी ने तीन मार्च को 26 दवा सामग्रियों (एपीआई) और उनके यौगिक दवाइयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था जिसके तहत निर्यातक को निर्यात के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति लेनी होती है।
इधर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि यदि भारत अनुरोध के बावजूद हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात की अनुमति नहीं देता है,तब उन्हें हैरानी होगी। पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांगी है ताकि भारत अमेरिकी में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री की इजाजत दे। इससे कुछ घंटे पहले ही भारत ने मलेरिया की इस दवा के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। ट्रंप ने कहा, 'मुझे हैरानी होगी अगर वह (ऐसा) करते हैं, क्योंकि आप जानते हैं कि भारत का अमेरिका के साथ व्यवहार बहुत अच्छा रहा है।'
ट्रंप ने कहा कि भारत कई वर्षों से अमेरिकी व्यापार नियमों का फायदा उठा रहा है, इसके बाद अगर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात को रोकता है, तब उन्हें हैरानी होगी। मैंने रविवार सुबह उनसे बात की, उन्हें फोन किया, और मैंने कहा कि हम इस बात की सराहना करुंगा, यदि आप आपूर्ति होने दे। अगर वे इसकी इजाजत नहीं दे,तब कोई बात नहीं, लेकिन जाहिर तौर पर इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है। क्यों नहीं होनी चाहिए?"
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि भारत दवा क्षेत्र में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी रहा है और अमेरिका को उम्मीद है कि दोनों देशों में यह तालमेल जारी रहेगा। भारत ने पिछले महीने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ट्रंप इस दवा की जोरदार वकालत कर रहे हैं।