
कोरोना के कहर से दुनिया की आधी आबादी इन दिनों लॉकडाउन है। इस महामारी से करीब 75 हजार लोग मारे जा चुके हैं और 1,347,689 लोग संक्रमित हैं। इस महासंकट के बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अभी कोरोना वायरस जैसे हजारों जानलेवा वायरस इंतजार में हैं और वे कभी भी इंसानों पर हमला कर सकते हैं। इस सदी की शुरुआत के बाद से अब तक दो कोरोना वायरस महामारी जानवरों से इंसान तक पहुंचीं और अब कोविड-19 तीसरी महामारी है। रिपोर्ट के मुताबिक जानवरों में इतनी बड़ी तादाद में वायरस के पाए जाने जानकारी से वैज्ञानिक और शोधकर्ता आश्चर्यचकित नहीं हैं। हालांकि चिंता इस बात की है कि इंसान का लगातार व्यवहार बदल रहा है। इंसान जानवरों के इलाके में कदम रख रहा है जहां उसके संक्रमित होने का खतरा है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह जंगलों का काटा जाना और खाद्यान की सप्लाई के लिए लगातार जंगली इलाके में खेती का प्रसार है।
वर्ष 1960 के दशक में इंसान की आबादी 3 अरब थी और यह अब बढ़कर 7.7 अरब हो गई है। इसकारण खाने की डिमांड भी बढ़ गई है। संक्रामक बीमारियों के बहुत तेजी से दुनियाभर में इंसानों में फैलने की एक यह भी बड़ी वजह है। महामारी विशेषज्ञ डिर्क प्फेइफ्फर ने कहा कि ये विषाणु पहले भी आते रहे हैं जो प्रकृति का एक हिस्सा हैं। लेकिन हमारी गतिविधियां चीजों को बदल रही हैं। हम असंतुलन पैदा कर रहे हैं और जंगल के बेहद करीब जा रहे हैं। जंगली जानवरों और जानलेवा विषाणुओं की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं जिनके बारे में हम पहले जानते तक नहीं थे।'