
कोरोना वायरस से बचने की अफवाहों में आकर ईरान में नीट अल्कोहल (जहरीली शराब) पीने से 600 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3000 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों से ईरान में हाहाकार मच गया है। मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है, क्योकि अनेक लोगों की हालत बेहद नाजुक है।
माना जा रहा है कि मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। ईरान सरकार के न्यायिक प्रवक्ता गुलाम हुसैन एस्मेली ने बताया कि शराब का सेवन कोरोना वायरस का इलाज नहीं है। यह मानव शरीर के बहुत ही घातक है। उन्होंने कहा हमें बिलकुल ही अंदाजा नहीं था कि ऐसी अफवाह से इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाएगी। ईरान के कई राजनेताओं ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सरकारी न्यूज एसेंजी तस्नीम के अनुसार, इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे हालात से ईरानी सरकार कड़ाई से निपटेगी।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कोरोना वायरस से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पांच अरब डॉलर के इमरजेंसी फंड देने की मांग की है। रूहानी ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील करता हूं कि वो अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कर्ज देने में किसी प्रकार के भेदभाव से बचने की भी अपील की। रूहानी ने अमेरिकी प्रतिबंधों को आर्थिक और मेडिकल आतंकवाद बताया। मंगलवार को ईरानी संसद की बैठक में बड़ी संख्या में पहुंचे सदस्यों ने देश में पूर्ण रूप से लॉकडाउन न करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा इससे देश में बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म होंगी। इसके अलावा देश की उत्पादकता पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि देश में यात्रा प्रतिबंधों के अलावा कई तरह से व्यवसायों को पहले ही बंद किया जा चुका है। ईरान में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अबतक 3872 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 62589 लोग अब भी इससे संक्रमित हैं। सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों को इलाज के लिए क्वारंटीन सेंटरों में रखा है।