कोविड-19 संक्रमण के हालात को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि पांच लाख रुपये तक के लंबित इनकम टैक्स रिफंड का तुरंत भुगतान किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से करीब 14 लाख करदाताओं को फायदा होगा।
केंद्र सरकार ने सभी लंबित जीएसटी और कस्टम रिफंड जारी करने का भी निर्णय लिया गया है। इससे MSME सहित लगभग एक लाख व्यापारिक संस्थाओं को लाभ मिलेगा। इस प्रकार सरकार की ओर से कुल धनराशि लगभग 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड दिया जाएगा।
कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन झेल रहे देशवासियों के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले माह कई राहतों का ऐलान किया था, जिनमें आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाए जाने के अलावा वस्तु एवं सेवा कर (GST) की मार्च, अप्रैल तथा मई, 2020 की रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि, यानी डेडलाइन को भी बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है। केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद निर्मला सीतारमण ने वित्तवर्ष 2018-19 की इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन को 30 जून तक बढ़ा दिया। उन्होंने आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करने और 'विवाद से विश्वास' स्कीम को भी 30 जून तक बढ़ा दिया है।
इसके अलावा करदाताओं को दी गई अन्य राहतों में स्रोत पर कर कटौती, यानी TDS पर ब्याज को 18 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दिया गया है, तथा रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर लिए जाने वाले 12 फीसदी चार्ज को भी 9 फीसदी कर दिया गया है।
नेशन इकॉनमी
पांच लाख रुपये तक के लंबित इनकम टैक्स रिफंड का तुरंत भुगतान किया जाएगा