
नेशनल हेल्थ सर्विस ने अफवाह को आधारहीन बताया
कोरोना वायरस को लेकर फैली एक अफवाह से यहां लोगों ने एक मोबाइल टावर को आग लगा दी। यहां कुछ लोगों ने संक्रमण फैलने के लिए 5जी तकनीक को दोषी ठहराया है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इस तकनीक से जुड़े लोगों को धमकियां मिलनी शुरु हो गयीं। वहीं कुछ नागरिकों ने तो मोबाइल इंजीनियरों को धमकी तक दे दी। इसके साथ ही पांच 5 जी मास्ट जला दिये। इससे यहां की संचार व्यवस्था पर भी खतरा मंडराने लगा है। इस घटना की कैबिनेट मंत्री माइकल गोव ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकार की अफवाहें पफैलाना एक मूर्खतापूर्ण काम है।
वहीं सोशल मीडिया पर 5जी को कोरोना से जोड़ने की साजिश की बात कहने वाली पोस्ट्स की भरमार है हालांकि अब गूगल और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इन वीडियो और इससी जुड़ी चीजों को डिलिट करने का आदेश दिया है। गूगल ने कहा है कि वह इस अफवाह को बढ़ावा देने वाले सभी वीडियो को इंटरनेट से हटाएगी। यू ट्यूब से भी वीडियो को हटाया जाएगा। यू ट्यूब ने इस दिशा में कदम उठाया है। ऐसे सभी वीडियो हटाए जा रहे हैं जिसमें यूजर्स को 5 जी और कोरोना के बारे में गलत जानकारी दी गई है।
इन अफवाहों के बाद कई जगहों पर मोबाइल फोन टावर्स पर लोगों ने हमला बोल दिया। साथ ही, बर्मिंघम और मर्सीसाइड में टेलीकॉम कर्मचारियों से भी अभद्र व्यवहार किया गया। यहां तक कि ब्रिटेन की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बीटी के एक मोबाइल टावर में आग लगा दी गई जबकि इससे ही हजारों लोगों को 2जी, 3जी, 4जी और इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा दी जा रही थी हालांकि इस टावर से 5 जी कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं दी जा रही थी। वहीं नेशनल हेल्थ सर्विस के डॉयरेक्टर स्टीफन पोविस ने एक बयान में कहा कि 5जी टेक्नोलॉजी से कोरोना की खबर को पूरी तरह से गलत ।