
पाकिस्तान ने सार्क देशों के शीर्ष व्यापार अधिकारियों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। यह बैठक कोविड19 महामारी के अंतर-क्षेत्रीय व्यापार पर होने वाले प्रभाव से निपटने को लेकर आयोजित की गई थी। बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि पाकिस्तान को छोड़कर सभी सार्क देशों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। मंत्रालय ने बताया बैठक के दौरान उपस्थित देशों के प्रतिनिधियों ने मौजूदा परिस्थितियों में साझा हितों और समस्या सुलझाने पर बात की। मंत्रालय ने कहा, बैठक में यह महसूस किया गया है कि कोविड19 महामारी का सार्क क्षेत्र में व्यापाक असर होगा। स्थिति से निपटने के लिए सदस्य देशों ने साथ मिलकर नए रास्ते तलाशने पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक बुलाई थी, जिसमें इमरान ने अपने मंत्री को भेज दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रियों की भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कराई गई थी, जिसमें पाक अधिकारी शामिल हुए थे। कोरोना वायरस ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है, जो पहले ही आईएमएफ के कर्ज से चल रहा है।
उसके पास कोरोना से लड़ने के लिए संसाधन मौजूद नहीं हैं, जिस वजह से कभी वर्ल्ड बैंक तो कभी एशियाई बैंक मदद को आगे आए। अमेरिका और चीन जैसे मित्र देश भी उसे आर्थिक मदद दे चुके हैं और मेडिकल सप्लाई के जरिए भी मदद पहुंचा रहे हैं। वह कोरोना से लड़ने वाले सार्क फंड पर भी सवाल उठा चुका है, ताकि वह इससे बच सके। उसने इस फंड के उद्देश्यों और इस्तेमाल को लेकर सफाई मांगी थी।