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केंद्र ने लॉकडाउन में भी मछली के परिवहन और बिक्री को दी छूट

केंद्र ने लॉकडाउन में भी मछली के परिवहन और बिक्री को दी छूट

 केंद्र सरकार ने शनिवार को मछली खाने के शौकीनों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने लॉकडाउन में भी मछली पालन, इसे पकड़ने, प्रसंस्कृत करने, परिवहन और बिक्री की छूट दे दी है। केंद्र सरकार ने इस आशय का पत्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते 24 मार्च को जो गृह मंत्रालय की तरफ से लॉकडाउन के पालन के लिए गाइडलाइन जारी हुई थी, उसमें पांचवां संशोधन मछली के लिए ही किया गया है। इसकी जानकारी सभी हितधारकों को भेजी जा रही है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के हस्ताक्षर से जारी एक परिपत्र में बताया गया है कि मछली पालन से जुड़े सभी कार्यों, जैसे- तालाबों में चारा डालना, मछली पकड़ना, उसकी प्रॉसेसिंग, पैकिंग, कोल्ड चेन तैयार करना, उसकी बिक्री आदि को लॉकडाउन से छूट मिल गई है। यही नहीं, मछली का बीज तैयार करने, उसका चारा तैयार करने और उसे मछली किसानों तक उपलब्ध कराने की गतिविधियों को भी लॉकडाउन से छूट मिली है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि भले ही मछली पालन, इसकी बिक्री आदि की गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट मिल गई हो, लेकिन इस दौरान कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पूरा पालन किया जाएगा। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। शरीर के पोषण तथा निर्माण में मछली, मांस, अण्डे, दूध, दालों आदि का उपयोग संतुलित आहार में प्रमुख रूप से किया जा सकता है। मछलियों में लगभग 70 से 80 प्रतिशत पानी, 13 से 22 प्रतिशत प्रोटीन, 1 से 3.5 प्रतिशत खनिज पदार्थ एवं 0.5 से 20 प्रतिशत चर्बी पाई जाती है।
कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, लोहा, सल्फर, मैग्नेशियम, तांबा, जस्ता, मैग्नीज, आयोडीन आदि खनिज पदार्थ मछलियों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं, जिनके फलस्वरूप मछली का आहार काफी पौष्टिक माना गया है। इनके अतिरिक्त इसमें राइबोफ्लोविन, नियासिन, पेन्टोथेनिक एसिड, बायोटीन, थाइमिन, विटामिन बी12, बी 6 आदि भी पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं।
 

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