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थोक खरीदारों द्वारा किसानों से प्रत्यक्ष खरीद की सुविधा, ई-नाम पर लॉजिस्टिक एग्रीगेटर की शुरुआत

थोक खरीदारों द्वारा किसानों से प्रत्यक्ष खरीद की सुविधा, ई-नाम पर लॉजिस्टिक एग्रीगेटर की शुरुआत

लॉकडाउन अवधि के दौरान भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों कृषक समुदायों के कार्यकलापों को सुगम बनाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इस विभाग में खरीफ, 2020 के दौरान फसल कटाई और थ्रेसिंग के लिए सभी राज्यों को एसओपी जारी करके किसानों और कृषि मजदूरों के स्वास्थ्य को सुरक्षा देने तथा कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कहा गया है। रबी, 2020 मौसम के दौरान नैफेड ने 1,07,814 मीट्रिक टन दलहन (चनाः 1,06,170 मीट्रिक टन) और तिलहन (सरसों: 19.30 मीट्रिक टन एवं सूरजमुखीः 1,624.75 मीट्रिक टन) को कुल 526.84 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर खरीद लिया है। इससे 75,984 किसान लाभान्वित हुए। राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों को एडवाइजरी जारी करके सीधे विपणन को सुगम बनाने के लिए कहा गया ताकि बड़े क्रेताओं/खुदरा व्यापारियों/प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा किसान/एफपीओ/सहकारी समितियों से सीधे खरीद की जाए जिससे राज्य एपीएमसी अधिनियम के तहत सीमा निर्धारित करने संबंधी विनियमों को लागू किया जाएगा। विभाग फलों और सब्जियों की मंडियों और कृषि उत्पादों की अंतर-राज्यीय आवाजाही की गहराई से मॉनिटरिंग कर रहा है। हाल ही में ई-नाम प्लेटफार्म को चालू करके लॉजस्टिक उपकरणों की आवाजाही को सुगम (उबराईजेशन ऑफ मॉड्यूल) बनाया गया है। 7.76 लाख ट्रकों और 1.92 लाख परिवहनों को इस मॉड्यूल से पहले ही जोड़ा जा चुका है।
          रेलवे ने शीघ्र खराब होने वाले बागवानी उत्पादों, बीज, दूध और डेयरी उत्पादों सहित आवश्यक जिंसों की आपूर्ति के लिए 109 टाइम टेबल पार्सल ट्रेनों के लिए 62 रूटों का निर्धारण कर दिया है जिससे त्वरित गति से किसान/एफपीओ/ व्यापारियों और कंपनियों को अपनी सप्लाई पूरे देश में बनाए रखने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत 24.03.2020 से लागू लॉकडाउन के दौरान लगभग 7.77 करोड़ कृषक परिवारों को लाभान्वित किया है और अभी तक 15,531 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है।राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने नर्सरियों की स्टार रेटेड वैधता को 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया है जो 30 जून, 2020 को समाप्त हो रही थी। भारत में गेहूं की पैदावार अपनी जरूरत से अधिक हुई है। दूसरे देशों से प्राप्त विशिष्ट मांगों के आधार पर नैफेड को कहा गया कि 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात अफगानिस्तान को तथा 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात लेबनॉन को जी2जी व्यवस्था के अंतर्गत किया जाए।
 

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