कोरोना की रोकथाम के लिए जारी ‘लॉकडाउन’ से होटल क्षेत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। इसके बाद होटल कारोबारी सरकार से क्षेत्र पर लगने वाले शुल्क से राहत सहित कुछ मदद की उम्मीद रखते हैं ताकि अपने कर्मचारियों का वेतन दे सके।
लेमन ट्री होटल्स के चेरमैन और प्रबंध निदेशक पतंजलि जी केसवानी ने कहा, देशव्यापी बंद से विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। होटल ऐसा कारोबार है जो पूंजी गहन है और उसमें स्थिर लागत काफी ऊंची है। उन्होंने कहा कि इसमें गहन पूंजी में मुख्य हिस्सा वित्तीय संस्थानों से लिया गया कर्ज है। इस कर्ज पर ब्याज के साथ कर्ज अदायगी भी करनी होती है। यानी इस क्षेत्र पर स्थिर लागत में कई चीजें शमिल हैं जिसमें वेतन, सरकार को दिया जाना वाला शुल्क एवं अन्य स्थायी किस्म के खर्चे शामिल हैं।
केसवानी ने कहा,फरवरी के अंत तक होटल उद्योग में उपलब्ध जगह के मुकाबले बुकिंग या उपयोग दर औसतन 65 से 70 प्रतिशत तक थी। मार्च के शुरूआती दिनों में चीजें बेहतर थी। लेकिन कोरोना महामारी के बाद बुकिंग न के बराबर रह गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में होटलों में उपलब्ध जगह के मुकबले बुकिंग कम रहने वाली है।इसकारण होटलों को या तो बंद करना होगा या सीमित स्तर पर चलाना होगा। केसवानी ने कहा कि उद्योग सरकार से कोई प्रोत्साहन पैकेज नहीं मांग रहा बल्कि हम केवल इतना चाहते हैं कि वह हमें सरकारी शुल्कों में छूट समेत न्यूनतम समर्थन दे जिससे हम अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें।
नेशन इकॉनमी
कोरोना की मार झेल रहे होटल कारोबारियों को सरकार से मदद की उम्मीद