
चैत्र मास की नवरात्रि 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहेगी। पंचांग के अनुसार चैत्र मास से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। गुड़ी पड़वा पहला दिन होता है, इस बार नवरात्रि 8 के शुभ संयोग के साथ आ रही है।
ज्योतिषयों के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि में 5 सर्वार्थसिद्धि, दो रवि योग और एक रवि पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। इन शुभ नक्षत्रों के कारण माता की आराधना करने वाले भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होगी। उल्लेखनीय है कि नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है।
शनिवार से नवरात्रि की शुरुआत होगी। अश्विनी नक्षत्र में घट स्थापना के साथ शक्ति उपासना का पर्व शुरू हो जाएगा। शनिवार को मां जगदंबा घोड़ा पर बैठकर प्रवेश करेंगी। 6 अप्रैल को घटस्थापना, 7 अप्रैल को स्वार्थ सर्वार्थसिद्धि ,8 अप्रैल को गणगौर कार्य सिद्धि ,9 अप्रैल को सर्वार्थसिद्धि ,10 अप्रैल को लक्ष्मी पंचमी रवि योग ,11 अप्रैल को षष्ठी तिथि का वियोग, 12 अप्रैल को सप्तमी तिथि सर्वार्थ सिद्धि योग, 13 अप्रैल को रवियोग अष्टमी तथा 14 अप्रैल को रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि नवमी का योग बन रहा है। जो चैत्र नवरात्रि पर्व में आराधना करने वाले भक्तों को मनचाहे फल प्रदान करने वाला होगा।