
लॉस एंजिलिस । एक ताजा अध्ययनकताओं की माने तो शिकार, व्यापार के जरिए इंसानों द्वारा वन्यजीवों का इस्तेमाल तथा सिकुड़ते प्राकृतिक वास के कारण मानव और पशुओं के बीच करीबी संपर्क लगातार बढ़ा है जिसकी वजह से कोविड-19 जैसे वायरसों के संक्रमण का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने जानवरों में संक्रमण के खतरे के आकलन के लिए नये प्रमाण मुहैया कराए हैं और रेखांकित किया है कि वन्यजीवों की घटती आबादी की प्रक्रिया में किस तरह जानवरों से वायरस इंसान में पहुंचता है। अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में शोधकर्ता क्रिस्टिन क्रूडर जॉनसन ने कहा कि जानवरों से वायरस के प्रसार का सीधा संबंध वन्यजीव और उनके वास में मानव के दखल से जुड़ा है । जॉनसन ने कहा कि इसका परिणाम यह हुआ है कि पशु अपना वायरस हमारे साथ साझा कर रहे हैं। ‘‘इस वजह से प्रजातियों के जीवन पर और संक्रमण के फैलने का भी खतरा है। यही वजह है कि आज हम ऐसी हालत में पहुंच गए हैं जिसका सामना अब कर रहे हैं। ’’ वैज्ञानिकों ने जानवरों से मानव तक फैले 142 ज्ञात वायरसों के आंकड़े जुटाए। इसमें ऐसे वायरस को भी शामिल किया गया जो किसी वाहक के जरिए इंसानों तक पहुंचा।प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) द्वारा तैयार लुप्तप्राय प्रजाति की ‘रेड लिस्ट’ का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने वन्य जीवों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि आंकड़ों से संक्रमण फैलने के रूझान का साफ पता चला। इससे यह रेखांकित हुआ कि कब-कब वन्य जीवों के जरिए इंसानों में संक्रमण फैला। इस अध्ययन के मुताबिक ऐसे जंगली जानवर, जिनकी संख्या अधिक थी और जो इंसानों के आसपास रहने के लिए अभ्यस्त होते गए, उनके जरिए भी संक्रमण फैला। हमारे घरों में या आसपास रहने वाले चूहे, गिलहरी और खेत में रहने वाले जीवों से भी इंसानों में संक्रमण के फैलने का काफी खतरा रहता है। अध्ययन से यह भी पता चला कि मवेशी सहित पालतू जानवरों से सबसे ज्यादा वायरस इंसानों में आए । सदियों से इन प्रजातियों के साथ हमारे करीबी संपर्क के कारण भी ऐसा होते गया।