
इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है। यूरोप में इससे मरने वालों की संख्या रविवार को 75 हजार के पार चली गई है। इनमें से 80 फीसदी मौतें सिर्फ इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में हुई हैं। यूरोप में 9,09,673 संक्रमितों में से 75,011 लोगों की मौत हुई है। यूरोप का सबसे ज्यादा प्रभावित देश इटली है, जहां संक्रमण से 19,468 लोगों ने दम तोड़ा है।
स्पेन में रविवार को 619 लोगों की मौत हुई। तीन दिन तक मृतकों की संख्या में गिरावट के बाद इसमें वृद्धि दर्ज की गई है। शनिवार को मौतों का आंकड़ा 510 था। वहीं, 2 अप्रैल को एक दिन में 950 लोगों ने दम तोड़ा था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण के 4,167 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 1,66,019 हो गई है। शनिवार को दर्ज मामलों की तुलना में रविवार को पुष्ट मामलों में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
ईरान में रविवार को 117 और लोगों की मौत के बाद देश में मृतकों की आधिकारिक संख्या 4,474 हो गई। इस बीच कुछ पाबंदियों में ढील दी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता कियानोश जहांपुर ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 1,657 और लोगों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद संक्रमितों की संख्या 71,686 हो गई है।
कोरोना वायरस कोविड-19 ने अप्रैल में जो कहर बरपाया, उसने पिछले तीन महीनों के सारे खौफनाक आंकड़ों को पीछे धकेल दिया। दुनिया में यूरोप के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अप्रैल के 12 दिनों में कोरोना से हुईं मौतों का आंकड़ा जनवरी-मार्च के मुकाबले ढाई गुना बढ़कर एक लाख आठ हजार तक पहुंच गया है। वायरस की चपेट में आने वालों की तादाद दोगुने से ज्यादा बढ़ी है। वल्र्डोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से जितने लोगों ने साल के पहले तीन महीनों में जान गंवाई थी, उतनी मौतें अप्रैल के आठ दिन में ही हो गईं जबकि मरीजों की तादाद भी अप्रैल के दस दिन में दोगुना हो गई। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुमानों की मानें तो बड़े देशों में लॉकडाउन और इलाज के आपात इंतजामों के बावजूद अप्रैल के अंत तक कुल मरीजों की संख्या 30 से 35 लाख हो सकती है।