
चीन में खतरनाक महामारी कोरोना वायरस के इलाज में जुटे एक तिहाई मेडिकल स्टाफ को (इंसामनिया) नींद नहीं आ रही है। अनिद्रा महसूस करने वाले इन लोगों में तनाव की भी संभावना है। यह खुलासा एक ताजा अध्ययन में हुआ है। कोरोना वायरस उन लोगों को भी मानसिक रूप से बीमार बना रहा है जो इसके इलाज में दिन रात लगे हुए हैं। इस स्टडी के सह लेखक और चीन की साउदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बिन झांग का कहना है कि आमतौर पर तो ये बीमारी कुछ ही दिन के लिए रहती है लेकिन अगर कोरोना वायरस लंबे समय तक प्रभावी रहा तो ये बीमारी भी स्थायी रूप ले सकती है। इस स्टडी को 1563 लोगों पर 29 जनवरी से 3 फरवरी के बीच किया गया। उस वक्त चीन में कोरोना अपने चरम पर था। वैज्ञानिकों ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म वीचेट का इस्तेमाल किया। लोगों से सवाल-जवाब के जरिए इस बात को समझा गया जिसमें पाया गया कि करीब 36.1 प्रतिशत लोगों में अनिद्रा के लक्षण मौजूद हैं। इस स्टडी में सामने आया कि मेडिकल स्टाफ के लोग संक्रमित मरीजों के ज्यादा करीब होते हैं। ऐसे में उनको भी ये डर सताता रहता है कि वे भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। जिससे उनके परिवार और रिश्तेदार भी इस महामारी का शिकार हो जाएंगे। ये डर उनको कुछ इस तरह डराता है जिससे कि वे अनिद्रा का शिकार होते जाते हैं और मन ही मन उनके डर बैठता जाता है।